अहमदाबाद , अक्टूबर 07 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को यहां विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
श्री पटेल ने सात से 15 अक्टूबर तक राज्य में मनाए जा रहे विकास सप्ताह अंतर्गत आज यहां आयोजित विकास प्रदर्शनी के उद्घाटन करते हुए कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल कर विकास की राजनीति का नया अध्याय शुरू किया था। उनके नेतृत्व में अक्टूबर 2001 से शुरू हुई राज्य की अनावरत विकास यात्रा सुशासन के 25वें वर्ष में प्रविष्ट हुई है। उनकी विजनरी लीडरशिप में हमें अब स्वतंत्रता की शताब्दी तथा विकसित भारतएट2047 की ओर अविरत कूच जारी रखनी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में परिवर्तनकारी सुधारों ने देश के आम आदमी को बड़ा फायदा पहुँचाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र से जन-जन को विकास में जोड़ा है। इसके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मुख्यमंत्री तथा राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों, समाज के विभिन्न वर्गों, गुजरात की सहकारी संस्थाओं, बैंकों, दूध मंडलियों सहित सहकारी संगठनों आदि द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत, जन आभार' अंतर्गत प्रधानमंत्री को एक करोड़ 11 लाख 75 हजार पोस्टकार्ड लिखे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि श्री मोदी के दिशादर्शन में गुजरात के वैश्विक स्तर के विकास के लिए अथक प्रयास हमें नई दिशा देते रहें, इस उद्देश्य से हर वर्ष विकास सप्ताह मनाया जाता है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि इस वर्ष विकास सप्ताह के साथ अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का भी सुयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत तथा हर घर स्वदेशी मंत्र को साकार करने के लिए विकास सप्ताह अंतर्गत इस वर्ष भी हमें स्वदेशी तथा वोकल फॉर लोकल को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देना है।
श्री पटेल ने जोड़ा कि गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारीशक्ति यानी 'ग्यान' के चार मुख्य स्तंभ सहित समाज की व्यापक सहभागीदारी से इस विकास सप्ताह को हमने विकास की नई दिशा देने की मंशा रखी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए पूज्य बापू तथा सरदार साहब की अगुवाई में स्वदेशी अभियान को वेगवान बनाया गया था। अब प्रधानमंत्री के दिशादर्शन में समृद्ध भारत के लिए वोकल फॉर लोकल तथा लोकल फॉर ग्लोबल की ओर हमें जाना है। इसके लिए हमारे देश के युवाओं तथा कारीगरों के पसीने से बनी स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहन देकर व स्थानीय उत्पादन की गुणवत्ता पर विशेष बल देकर हम आत्मनिर्भर व विकसित भारत बनाएंगे।
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