चंडीगढ़ , अक्तूबर 07 -- मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत के बाद पंजाब ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की ब्रिकी और इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पंजाब के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (औषधि शाखा) के संयुक्त आयुक्त ने मंगलवार को एक आधिकारिक आदेश जारी कर कहा, " कार्यालय के संज्ञान में आया है कि सरकारी विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्य प्रदेश द्वारा चार अक्टूबर 2025 की परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार कोल्ड्रिफ सिरप औषधि को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं घोषित किया गया है। श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर द्वारा बनाई गयी उपर्युक्त दवा के निर्माण में मिलावट बतायी गयी है, क्योंकि इसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (46.28 प्रतिशत) होता है, जो दवा के निर्माण को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, जैसा कि पाया गया है, उक्त उत्पाद मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हाल ही में हुई बच्चों की मौतों से जुड़ा है। उपर्युक्त उत्पाद को जनहित में तत्काल प्रभाव से पंजाब राज्य में बिक्री, वितरण और उपयोग के लिए पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। पंजाब के सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजीकृत चिकित्सक और अस्पताल/स्वास्थ्य सेवा संस्थान आदि उक्त उत्पाद की खरीद, बिक्री या उपयोग नहीं करेंगे। यदि राज्य में उक्त उत्पाद का कोई स्टॉक पाया/उपलब्ध है, तो इसकी जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (औषधि शाखा), पंजाब के ईमेल पर दी जा सकती है।"गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस सिरप के इस्तेमाल से 17 बच्चों की मौत होने के बाद पंजाब सरकार ने यह फैसला लिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश अनुसार राज्य के सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजीकृत चिकित्सक, अस्पताल, स्वास्थ्य सेवा संस्थान, आदि इस उत्पाद की खरीद, बिक्री या इसका उपयोग नहीं करेंगे। यदि राज्य में इसका कोई स्टॉक पाया गया तो इसकी जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को भेजने को कहा गया है।

तमिलनाडु में बनी इस सिरप को डायथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट के कारण प्रतिबंध किया गया है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की गुणवत्ता परीक्षण विफलताओं के कारण इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस घटनाक्रम के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के लिए कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग का आग्रह करते हुए एक परामर्श जारी किया है, जिसमें "विवेकपूर्ण तरीके से दवा लिखने और देने" की सिफ़ारिश की गई है क्योंकि ज़्यादातर बच्चों की खांसी बिना दवा के ठीक हो जाती है।मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ पीने के बाद संदिग्ध किडनी फेल होने से 14 बच्चों की मौत हो गई थी।

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