पटना , नवंबर 19 -- बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राजधानी पटना का गांधी मैदान मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए सज धज रहा है और पिछले इतिहास पर नजर डालें तो नीतीश कुमार के अलावा लालू प्रसाद यादव भी इस ऐतिहासिक मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।

राजधानी पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान बिहार की राजनीतिक धाराओं और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रमुख साक्षी रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आधुनिक बिहार की राजनीतिक संरचना तक, इस मैदान ने कई निर्णायक क्षणों को जन्म लेते देखा है। राज्य की राजनीति में इसे प्रतीकात्मक और ऐतिहासिक दोनों ही रूपों में विशेष स्थान प्राप्त है।

मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोहों की दृष्टि से भी गांधी मैदान एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है। बिहार के दो राजनेताओं नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव इसी मैदान में अपने-अपने कार्यकाल की शुरुआत की है।

गांधी मैदान में कुल अब तक कुल चार बार नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ है । जिनमें से तीन बार नीतीश कुमार और एक बार लालू प्रसाद ने यादव ने यहां मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन बार वर्ष 2005, 2010 और 2015 में गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया है। वहीं लालू यादव ने वर्ष 1990 में गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था।

गांधी मैदान बिहार ही नहीं, पूरे देश के राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का सक्रिय केंद्र रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के अनेक कार्यक्रमों का गवाह गांधी मैदान रहा है। इसी मैदान से जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन ने रास्ता दिखा कर राजनीति का राष्ट्रीय स्वरूप में बदल दिया था। सत्ता परिवर्तन, राजनीतिक संदेश और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का प्रतीक पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान रहा है।

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