गांधीनगर , अक्टूबर 04 -- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' नामक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया।

श्रीमती सीतारमण ने आज इस अभियान का शुभारंभ राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में किया और कहा कि इस अभियान का एक सरल लेकिन शक्तिशाली संदेश है कि नागरिकों द्वारा बचाया गया प्रत्येक रुपया उन्हें या उनके परिवारों को वापस मिलना चाहिए। अदावाकृत जमा, बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल कागज पर लिखी प्रविष्टियां नहीं हैं, वे सामान्य परिवारों की कड़ी मेहनत से अर्जित बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं- ऐसी बचत जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में '3ए' जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई के महत्व पर बल दिया। जागरूकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक और समुदाय को लावारिस संपत्तियों का पता लगाने के बारे में जानकारी हो। पहुंच सरलीकृत डिजिटल उपकरण और ज़िला-स्तरीय पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है। कार्रवाई समयबद्ध और पारदर्शी दावा निपटान पर बल देती है। ये तीनों स्तंभ मिलकर नागरिकों और वित्तीय संस्थानों के बीच की खाई को पाटने, सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि प्रत्येक व्यक्ति सम्मान और आसानी से अपनी सही बचत को प्राप्त कर सके।

वित्त मंत्री ने हाल ही में चलाये गये केवाईसी और पुनः-केवाईसी अभियानों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, विशेष रूप से गुजरात ग्रामीण बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों की सक्रिय भूमिका की सराहना की और कहा कि इन प्रयासों ने नागरिकों और औपचारिक वित्तीय प्रणाली के बीच संबंध को मज़बूत किया है। उन्होंने बताया कि गांवों और कस्बों में की गई ऐसी पहलों ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपनी बचत और अधिकारों से जुड़े रहें, जिससे वर्तमान अभियान की सफलता की मज़बूत नींव पड़ी है।

श्रीमती सीतारमण ने सभी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे लावारिस वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में इस राष्ट्रव्यापी पहल में समान समर्पण और पहुंच बनाये रखें, ताकि कोई भी नागरिक अपने वैध धन से वंचित न रह जाये। उन्होंने उन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी सौंपे, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों से अपनी दावारहित जमा राशि को सफलतापूर्वक वापस पा लिया।

इस कार्यक्रम में डीएफएस के सचिव एम. नागराजू, भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक, आईआरडीएआई, सेबी, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य, भारत सरकार, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और प्रमुख वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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