बैतूल , दिसंबर 18 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में तेज रफ्तार, शराब के नशे में वाहन चलाने और यातायात नियमों की अनदेखी सड़कों को लगातार खून से लाल कर रही है।

तमाम जागरूकता अभियानों और चालानी कार्रवाई के बावजूद सड़क हादसों पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। हालात यह हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अब तक ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और साल के अंत तक यह आंकड़ा 400 के पार जाने की आशंका जताई जा रही है।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024 में जिले में 925 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 352 लोगों की मौत और 940 लोग घायल हुए थे। वहीं 2023 में 918 हादसों में 286 मौतें और 1108 घायल दर्ज किए गए थे। वर्ष 2022 में 964 दुर्घटनाओं में 378 लोगों की जान गई थी। इसके मुकाबले वर्ष 2025 की स्थिति कहीं अधिक चिंताजनक है।

इस साल 1 जनवरी से 30 नवंबर तक 994 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 383 लोगों की मौत और 990 लोग घायल हुए हैं। दिसंबर महीने में भी दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है, जहां अब तक 12 मौतें और 17 घायल दर्ज किए जा चुके हैं।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार सबसे ज्यादा हादसे मोटरसाइकिल से जुड़े हैं। इस साल मोटरसाइकिल के 659 एक्सीडेंट में 244 लोगों की मौत और 485 लोग घायल हुए। ट्रैक्टर दुर्घटनाओं में 16 मौतें, जबकि राहगीरों को टक्कर मारने के 113 मामलों में 38 लोगों की जान गई। शराब के नशे में वाहन चलाना, हेलमेट न पहनना और तेज रफ्तार हादसों के प्रमुख कारण बने हुए हैं।

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