नवी मुंबई , अक्टूबर 8 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां एक नये विकसित अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे और भूमिगत मेट्रो रेलमार्ग का उद्घाटन किया और कहा कि इससे मुंबई में लोगों के लिए यात्रा अधिक आसान होगी और उनका समय बचेगा।
श्री मोदी ने इस अवसर पर केवल सत्ता की राजनीति करने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत का संस्कार जन कल्याण पर केंद्रित राष्ट्र नीति आधारित राजनीति का है।
अदाणी समूह द्वारा विकसित किये जा रहे नवी मुंबई हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा , ' भारत में नये हवाई अड्डों के निर्माण और उड़ान योजना से लोगों को तो सुविधा मिली है.. साथ ही भारत दुनिया का तीसरा बड़ा घरेलू उड्डयन बाजार भी बन गया है।"यह हवाई अड्डा इस क्षेत्र को एशिया के सबसे बड़े कनेक्टिविटी केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस हवाई अड्डे का नाम महाराष्ट्र के राजनीतिज्ञ एवं समाजसेवी स्वर्गीय डी. बी. पाटिल के नाम पर रखा गया है।
कार्यक्रम में कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, राममोहन नायडू किंजरापु, मुरलीधर मोहोल, भारत में जापान के राजदूत केइची ओनो, अदानी उद्योग समूह के प्रमुख गौतम अदाणी औरअन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
श्री मोदी ने सत्ता केंद्रित राजनीति के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, " भारत देश ऐसे मूल्यों में पला-बढ़ा है जहाँ राष्ट्रीय नीति ही राजनीति का आधार बनती है। इस सरकार के लिए, बुनियादी ढाँचे पर खर्च किया गया प्रत्येक रुपया नागरिकों की सुविधा और क्षमता को बढ़ाने का एक साधन है।" उन्होंने इसी संदर्भ में केवल सत्ता को केंद्र में रख कर राजनीति किये जाने की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी राजनीतिक धारा जो लोक कल्याण से ज़्यादा सत्ता को प्राथमिकता देती है वह भारत के मूल्यों वाली राजनीति नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी राजनीति करने वाले लोग विकास कार्यों में बाधा डालते हैं और घोटालों और भ्रष्टाचार के ज़रिए परियोजनाओं को पटरी से उतार देते हैं। उन्होंने विगत में विपक्षी सरकारों के समय के भ्रष्टाचार की ओर संकेत करते हुए कहा कहा, ' देश दशकों से इस तरह के कुशासन का गवाह रहा है।"श्री मोदी ने 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन को याद किया जिसमें उन्होंने अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए कहा था कि वह देखना चाहते हैं कि देश में हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश भर में नए हवाई अड्डों का निर्माण आवश्यक था।सरकार ने इस मिशन को गंभीरता से लिया है और पिछले ग्यारह वर्षों में भारत में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़ कर 160 को पार कर गई है।
उन्होंने कहा कि इससे पायलटों, केबिन क्रू, इंजीनियरों और ग्राउंड वर्कर्स के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।जैसे-जैसे विमानों की संख्या बढ़ती है, रखरखाव और मरम्मत कार्यों की माँग भी बढ़ती है। भारत इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए घरेलू स्तर पर नई सुविधाएँ विकसित कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों से, सरकार नागरिकों के जीवन को आसान बनाने पर ज़ोर दे रही है। रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे, मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों जैसी सुविधाओं में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। इस विकास कार्य के एक उदाहरण के रूप में उन्होंने मुंबई में अटल सेतु और कोस्टल रोड जैसी परियोजनाओं का हवाला दिया।
श्री मोदी ने आगे कहा कि निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी परिवहन साधनों को एकीकृत करने के प्रयास चल रहे हैं, जिससे यात्रियों को कठिनाई से साधन बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत एक राष्ट्र, एक गतिशीलता के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मुंबई वन ऐप इस दिशा में एक और कदम है, जो नागरिकों को टिकटों के लिए लंबी कतारों से बचने में सक्षम बनाता है। इस ऐप के ज़रिए, लोकल ट्रेनों, बसों, मेट्रो और टैक्सियों में एक ही टिकट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्री मोदी ने भूमिगत मेट्रो को विकासशील भारत का जीवंत प्रतीक बताया और कहा कि मुंबई जैसे व्यस्त शहर में, ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करते हुए इस उल्लेखनीय मेट्रो का निर्माण भूमिगत रूप से किया गया है। उन्होंने इस परियोजना में शामिल श्रमिकों और इंजीनियरों को बधाई दी।
युवाओं की क्षमता बढ़ाने पर सरकार के जोर को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई 60,000 करोड़ रुपये की पीएम सेतु योजना का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य देश भर के कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उद्योग से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि आज से, महाराष्ट्र सरकार ने सैकड़ों आईटीआई और तकनीकी स्कूलों में नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। श्री मोदी ने कहा कि इन पहलों के माध्यम से छात्रों को ड्रोन, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसी उभरती तकनीकों का प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने महाराष्ट्र के युवाओं को अपनी शुभकामनाएं दीं।
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