श्रीगंगानगर , नवंबर 26 -- केंद्र सरकार के चार नये श्रम कानूनों को मजदूर विरोधी बताते हुए विभिन्न मजदूर संगठनों ने बुधवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर में विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान एक रोष जुलूस निकाला गया, जो जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक आम सभा में बदल गया। प्रदर्शनकारी मजदूरों ने सरकार के इन कानूनों को पूंजीपतियों के हित में बताते हुए इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष दुर्गा स्वामी, हरकेवलदीपसिंह, रिछपालसिंह, वकीलसिंह, लखविंदरसिंह, साधु प्रधान, भोलू प्रधान, दीपू प्रधान, चुन्नीलाल, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के हेमराज बजाज और अरुण कुमार ने किया।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मजदूर और पदाधिकारी शामिल हुए। जुलूस शहर की मुख्य सड़कों से गुजरते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और सरकार विरोधी झंडे लहराये। इस मौके पर नये श्रम कानूनों की प्रतियां भी जलायी गयीं।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए दुर्गा स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार ये चार नये श्रम कानून ठीक उसी तरह से औद्योगिक घरानों और पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लायी है, जैसे पहले तीन नये कृषि कानून लाये गये थे। उन्होंने याद दिलाया कि किसानों ने इन कृषि कानूनों के खिलाफ डटकर विरोध किया था, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को इन्हें वापस लेना पड़ा।
श्रीमती स्वामी ने मजदूर वर्ग से आग्रह किया कि अब उन्हें भी किसानों की तरह एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी और लंबी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने किसान आंदोलन की बरसी का जिक्र करते हुए कहा कि उस आंदोलन में 750 से अधिक किसान शहीद हुए थे, तब जाकर सरकार की आंखें खुलीं और कानून वापस लिये गये।
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