देहरादून , नवंबर 22 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने केंद्र सरकार की ओर से किये गये श्रम कानूनों में सुधारों को देश के कार्यबल के लिए नए युग का शुभारंभ करार दिया है।
श्री धामी ने शनिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के लिहाज से चार श्रम संहिताओं को लागू किया जाना एक महत्वपूर्ण फैसला है। इसके दूरगामी सार्थक परिणाम निकलेंगे। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार श्रम संहिताओं के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने श्रम सुधारों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देश में नयी कार्य संस्कृति ने स्थान पाया है।नयी नीतियों का निर्धारण देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले के श्रम कानूनों से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग बाहर था। वहीं इनके लिए सामाजिक सुरक्षा का भी अभाव था। न्यूनतम वेतन का प्राविधान भी चुनिंदा क्षेत्रों तक ही सीमित था। इन श्रम कानूनों से व्यापारिक सुगमता भी प्रभावित हो रही थी। विदेशी निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
उन्होंने कहा है कि नए कानून के प्रावधान श्रमिकों के हितों की मजबूती से रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा है कि सभी के लिए न्यूनतम और समय पर वेतन, नियुक्ति पत्र की अनिवार्यता जैसे प्राविधान अभूतपूर्व हैं। श्रम कानून में सुधार 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। महिला श्रमिकों को समान अवसर और समान वेतन के साथ ही रात्रि पाली में काम करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है, जो कि नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा फैसला है।
उन्होंने कहा कि निश्चित अवधि के कर्मचारियों को एक वर्ष की सेवा के बाद ग्रेच्युटी, श्रमिकों के लिए निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच की अनिवार्यता, जोखिम भरे कार्य क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सौ प्रतिशत स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे प्राविधान बेहद अहम हैं। श्रम सुधारों से राज्य में जहां श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा। वहीं व्यवसाय एवं उद्योगों में अनुकूल वातावरण मिलने से कार्य सुगमता होगी। उन्होंने कहा है कि इन श्रम कानूनों से राज्य के श्रमिक एवं उद्योग दोनों ही पक्ष लाभान्वित होंगे।
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