पटना, सितंबर 27 -- बिहार सरकार के कृषि विभाग ने धान की फसल को रोगों से बचाने के लिए किसानों को सलाह दी है।

कृषि विभाग किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समय- समय पर कृषि सलाह जारी करता है। इसी कड़ी में कृषि विभाग ने सितंबर माह में भी किसानों के लिए कई अहम सलाह जारी की है। विभाग ने अपनी एक सलाह में धान की फसल में होने वाले खैरा रोग और गंधी कीट प्रकोप से बचाव के उपाय बताए हैं। इन सलाहों को मानकर किसान धान की फसल में रोगों का उपचार कर बेहतर उत्पादन कर सकते हैं।

इस सलाह में कहा गया है कि, किसानों को धान में खैरा रोग की रोकथाम के लिए पांच कि.ग्रा. जिंक सल्फेट को 2.5 कि.ग्रा. बूझे हुये चूना के साथ मिलाकर खेत में छिड़काव करना चाहिए। साथ ही, एक हेक्टेयर के लिए औसतन 500 लीटर पानी का प्रयोग करें। वहीं गंधी कीट के प्रकोप होने पर मिथाइल पैराथियान दो प्रतिशत या मालाथियान पांच प्रतिशत 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह में भुरकाव करें। धान के खेत में पांच से.मी. पानी का स्तर बनाए रखना भी जरूरी है। वहीं इस माह मिर्च की बुआई जल्द से जल्द करने की सलाह दी गई है। समय पर बुआई करने से बेहतर उत्पादन मिलता है। साथ ही, पौधों की मजबूती और गुणवत्ता बनी रहती है।

बिहार कृषि ऐप किसानों को सभी सरकारी योजनाओं, फसल प्रबंधन, बाजार मूल्य, और तकनीकी सलाह जैसी सभी आवश्यक सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा रहा है। पिछले दिनों इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं। यह मोबाइल ऐप किसानों के लिए एकीकृत योजना पोर्टल के तौर पर काम कर रहा है जहां किसान ऐप के माध्यम से विभिन्न कृषि योजनाओं में आवेदन भी कर सकते हैं और उनकी स्थिति, अनुदान विवरण तथा स्वीकृति की वास्तविक समय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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