चेन्नई , नवंबर 14 -- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई), अंडमान और निकोबार क्षेत्रीय केंद्र ने श्री विजयपुरम स्थित जेडएसआई परिसर में "द्वीपीय पारिस्थितिकी तंत्रों की तटीय और समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और सतत प्रबंधन" पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार कार्यशाला का उद्घाटन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य वन एवं वन्यजीव संरक्षक डॉ. दिनेश कन्नन ने किया। डॉ. कन्नन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की संवेदनशील और अनूठी जैव विविधता की सुरक्षा के लिए सभी सरकारी विभागों तथा हितधारकों के बीच सामूहिक एवं समन्वित प्रयासों पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि ये द्वीप देश के चार मान्यता प्राप्त जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक हैं और भारत की पारिस्थितिक एवं पर्यावरणीय सुरक्षा के अभिन्न अंग हैं।
उन्होंने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की पहलों का उल्लेख करते हुए जैव विविधता संरक्षण, आवास पुनर्स्थापन और तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों के सतत प्रबंधन पर केंद्रित चल रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने द्वीपों की समृद्ध प्राकृतिक विरासत के दीर्घकालिक संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अंतर-एजेंसी सहयोग और सामुदायिक भागीदारी को मज़बूत करने का आह्वान किया।
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