नयी दिल्ली , अक्टूबर 02 -- एग्रीटेक स्टार्टअप कंपनी आर्या.एजी ने अगले दो साल में अपना कर पूर्व मुनाफा दोगुना करने और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की योजना बनायी है।
कंपनी के सह-संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक आनंद चंद्रा ने 'यूनीवार्ता' के साथ एक खास बातचीत में कहा कि आर्या.एजी मुख्यतः तीन प्रकार के कारोबार में है। वह किसानों को उनका अनाज रखने के लिए वेयरहाउस की सुविधा मुहैया कराती है, वेयरहाउस में रखे उनके अनाज के बदले उन्हें ऋण देती है और अपने प्लेटफॉर्म के जरिये अनाज बिकवाने में किसानों की मदद करती है। देश के 21 राज्यों के 350 से जिलों में कंपनी की उपस्थिति है। देश भर में उसके 4,000 से अधिक वेयरहाउस हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का कुल राजस्व 5,738.7 करोड़ रुपये रहा था। उसका कर पूर्व मुनाफा 95 प्रतिशत बढ़कर 43 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 32 करोड़ रुपये रहा था।
उन्होंने बताया कि कंपनी की योजना अगले दो साल में अपना प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाकर शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की है। साथ ही कर पूर्व लाभ 80-85 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है।
कृषि विज्ञान में स्नातक की डिग्री रखने वाले श्री चंद्रा ने बताया कि आर्या.एजी साल 2013 में अपनी स्थापना के समय से ही मुनाफे में रही है और देश की एकमात्र मुनाफा कमाने वाली एग्रीटेक कंपनी है। इसका कारण यह है कि कंपनी ने टेक्नोलॉजी के दम पर मौजूदा आढ़ती तथा वितरक-डीलर-रिटेलर व्यवस्थाओं को समाप्त करने की कोशिश नहीं की। इसकी बजाय उसने मौजूदा व्यवस्था से ही खुद को जोड़ा है। पहले से मौजूद किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के जरिये किसानों से जुड़ते हैं, लेकिन किसान सीधे भी कंपनी के वेयरहाउस पर अपना अनाज जमा करा सकता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी का सबसे अधिक कारोबार बिहार में है। वहां मंडी व्यवस्था नहीं है और किसानों के पास जमीन कम होती है। इसीलिए, उनके सामने अनाज भंडारण की समस्या अधिक आती है। ऐसे में आर्या.एजी छोटे-छोटे वेयरहाउस स्थापित किये हैं जो लागत प्रभावी होते हैं। उसके चार हजार में 600-700 वेयर हाउस बिहार में हैं।
श्री चंद्रा ने बताया कि कंपनी और भी कई सेवाएं शुरू की हैं जिनमें मिट्टी की जांच कर किसान को सलाह देना, उपग्रह के माध्यम से निगरानी कर उन्हें यह बताना कि कहां उनकी फसल खराब हो रही है और फसल की गुणवत्ता (नमी, टुकड़ों की मात्रा आदि) की जांच के लिए एआई आधारित टूल आर्याक्यू शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन टूल्स के इस्तेमाल से यह सुनिश्चित होता है कि किसान को कुछ बचत हो ताकि उसका भरोसा कायम रहे और वह अगले साल फिर उन सेवाओं का इस्तेमाल करे।
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