नयी दिल्ली , अक्टूबर 09 -- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के साथ ही स्वस्थ भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

श्री नड्डा ने कहा, "हमारा लक्ष्य सभी के लिए समान, सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करना है।" उन्होंने इसके सभी हितधारकों को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने यह बात 'फिक्की हील 2025' सम्मेलन में अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का विषय 'केयर @25 - स्वास्थ्य सेवा में निर्णायक क्षण' विकसित और स्वस्थ भारत के लिए समसामयिक है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवरेज करने वाला कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत भारत की आबादी के 40 प्रतिशत लोग या आसान शब्दों में कहें तो लगभग 62 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जीवन पर्यंत आयुष्मान कवरेज के हकदार हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार जन औषधि केंद्रों की संख्या मौजूदा 16,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की भी योजना बना रही है। श्री नड्डा ने चिकित्सा शिक्षा की सीटों की संख्या और चिकित्सा अवसंरचना पर कहा, " अगर हमें विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करना है, तो हमें आने वाले समय में 20 लाख और बेड के साथ प्रति हज़ार मरीज़ों पर दो बेड की आवश्यकता होगी।" उन्होंने कहा, "पहले केवल 387 मेडिकल कॉलेज थे, अब हमारे पास 810 मेडिकल कॉलेज हैं और स्नातक सीटों की संख्या 51,000 से बढ़कर अब 1,25,000 हो गई है।" श्री नड्डा ने कहा, "अगले पांच वर्षों में, हमारे पास 75,000 अतिरिक्त स्नातक की सीटें होंगी और स्नातकोत्तर की सीटें अब 76,000 हो गई हैं।"उन्होंने ई-संजीवनी प्लेटफ़ॉर्म के बढ़ते उपयोग के साथ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अनुसार कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्वास्थ्य सेवा पर 1.8 प्रतिशत खर्च हो रहा है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए राज्यों को भी आगे आकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर खर्च बढ़ाना चाहिए।

वहीं, इस दौरान नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) प्रो. वीके पॉल ने कहा कि एक ओर, 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, वहीं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से संबंधित दूसरी अनिवार्यता जीवन प्रत्याशा को वर्तमान 71 वर्ष से बढ़ाकर 85 वर्ष और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 70-75 वर्ष करना है। उन्होंने आगे कहा कि देश में घरेलू देखभाल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ और अधिक चिकित्सा बुनियादी ढाँचे के निर्माण की आवश्यकता है।

फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर दरों को 12-18 प्रतिशत से घटाकर केवल पांच प्रतिशत करने के हालिया जीएसटी सुधारों ने लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा को काफ़ी किफ़ायती बना दिया है।

फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष और महाजन इमेजिंग एंड लैब्स के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने कहा कि भारत का लक्ष्य उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी, डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफ़ॉर्म और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देना है, और हर स्तर पर निवारक, प्रोत्साहन और व्यक्तिगत चिकित्सा को एकीकृत करना है।

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