अहमदाबाद , अक्टूबर 02 -- गुजरात के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने यहां 156वीं गांधी जयंती और विजयादशमी के अवसर पर शुभकामनायें देकर कहा कि देश की नींव में स्वाभिमान, स्वावलंबन और स्वदेशी होगा तो कोई ताकत देश की एकता को तोड़ नहीं सकेगी।

श्री पटेल ने गुजरात विद्यापीठ में आज 156वीं गांधी जयंती का आयोजन अवसर पर राज्य में प्राकृतिक खेती की सक्रिय मुहिम की शुरुआत करवाने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत का आभार व्यक्त किया। स्वदेशी के बारे में उन्होंने कहा कि 1905 में लाल, बाल और पाल की त्रिमूर्ति ने स्वदेशी का विचार प्रस्तुत किया था और गांधीजी ने पूरे देश में स्वदेशी आंदोलन चलाकर लोगों को इससे जोड़ा। अनेक प्रतिकूल भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के बावजूद गांधीजी ने बड़ी संख्या में लोगों को स्वदेशी और स्वच्छता के प्रति जागरूक करके इस आंदोलन से जोड़ा और गुलामी की मानसिकता से लोगों को बाहर निकालने का कठिन कार्य भी किया।

उन्होंने कहा कि देश की नींव में स्वाभिमान, स्वावलंबन और स्वदेशी होगा तो कोई ताकत देश की एकता को तोड़ नहीं सकेगी। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें युगानुकूल स्वदेशी के साथ आगे बढ़ना है और उसके माध्यम से विकसित भारत की कल्पना को साकार करना है। साथ ही सभी को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर बल देते हुए गांधीजी के मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प दिलाया और कहा कि बढ़ती तकनीक के बीच भी हमारे स्वाभिमान का प्रतीक चरखा हमेशा हमारे हृदयों में जीवित रहेगा।

गुजरात विद्यापीठ के ट्रस्टी और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा ने इस अवसर पर महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्रीजी को स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वदेशी और मेक इन इंडिया पर कहा कि आज वैश्विक परिस्थिति को देखते हुए आत्मनिर्भर बनना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान से आज देश के लोग स्वदेशी की ओर अग्रसर होकर विकसित भारत की कल्पना साकार करने का कार्य कर रहे हैं।

श्री चूडासमा ने उपस्थित सभी लोगों को घर-परिवार और दैनिक जीवन की वस्तुयें स्वदेशी ही रखने का संकल्प दिलाया। साथ ही नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशामुक्ति के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को नशे से दूर करने में मदद करनी चाहिए।

गुजरात विद्यापीठ के कुलपति डॉ. हर्षद पटेल ने इस अवसर पर स्वागत सम्बोधन करते हुए सभी का स्वागत किया और कहा कि गुजरात विद्यापीठ हर वर्ष स्वदेशी, स्वावलंबन और खादी के साथ गांधी जयंती मनाता है। पूज्य बापू के सत्य और अहिंसा के मूल्य आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। साथ ही उन्होंने आगामी 10 से 15 नवम्बर के बीच गुजरात विद्यापीठ के विद्यार्थियों की भागीदारी से आयोजित होने वाली संकल्प स्वदेशी पदयात्रा का विवरण भी दिया। उन्होंने कहा कि 'हर घर स्वदेशी' के नारे के साथ विद्यापीठ के विद्यार्थी 18,000 गांवों में पदयात्रा कर घर-घर स्वदेशी का संदेश पहुंचायेंगे।

विद्यापीठ के मोरारजी देसाई मंडपम में कार्यक्रम की शुरुआत 'वैष्णव जन...'भजन से की गई। राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में विद्यापीठ ट्रस्टी मंडल की बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें आगामी समय में होने वाले गुजरात विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह की तैयारी की समीक्षा की गई। इस अवसर पर गुजरात विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. हिमांशु पटेल, ट्रस्टी आयशाबेन पटेल, सुरेशभाई रामानुज, विद्यापीठ के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, संस्था से जुड़े लोग और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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