दुमका , नवम्बर 13 -- झारखंड में दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र में छापामारी कर पुलिस ने फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों के बैंक खाते से राशि उड़ाने वाले गिरोह के तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों से गुरूवार को बताया कि दुमका के पुलिस अधीक्षक के तकनीकी शाखा द्वारा गुरूवार 13 नवम्बर को झारखंड पुलिस के प्रतिबिम्ब एप्प के माध्यम से सरैयाहाट थाना क्षेत्र के घघरी गांव के एक घर में साईबर अपराध किये जाने की सूचना दी गयी।
इस सूचना पर वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार सरैयाहाट के थाना प्रभारी राजेन्द्र यादव के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया। इसमें पुअनि जय प्रकाश दास,विकेश कुमार मेहरा, नकी ईमाम खाँ, सअनि विरेन्द्र कुमार के साथ पुलिस के जवान महेन्द्र प्रसाद यादव, उमाशंकर कुमार भी शामिल थे। छापामारी टीम प्रतिबिम्ब एप्प के माध्यम से प्राप्त लोकेशन के आधार पर घघरी पहुँची। जहाँ प्राप्त लोकेशन के आधार पर एक घर में तीन युवकों को साईबर ठगी का काम करते देखा।
पुलिस को देखकर सभी अपने-अपने मोबाईल को इधर-उधर छुपाने के साथ भागने का प्रयास करने लगा। छापामारी दल ने भागने का प्रयास करने के क्रम में दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के घाघरी गांव के विमल कुमार, कमल कुमार और रामगढ़ थाना क्षेत्र के कारूडीह गांव के रहने वाले मनोज कुमार मंडल नाम के तीन युवकों को पकड़ लिया।
छापेमारी के दौरान पूछताछ के क्रम में विमल कुमार ने अपना घर बताया। इसके तत्पश्चात पुलिस टीम ने दो साक्षी के समक्ष तीनों की तलाशी ली गयी। इस दौरान टीम ने तीनों के पास से साइबर अपराध में प्रयुक्त विभिन्न कम्पनी का कई मोबाईल फोन एवं एटीएम आदि बरामद किया। कड़ाई से पूछताछ करने पर स्वीकारोक्ति बयान में तीनों ने यहाँ एकजुट होकर साईबर ठगी का काम करने में अपनी संलिप्ता कबूल की।
तीनों ने स्वीकार किया कि हमलोग एक साथ मिलकर बैंक कर्मी, बैंक मैनेजर, क्रेडिट कार्ड अफसर, लोन अधिकारी, मईंया योजना के बैंक खाता का आधार लिंक करने, प्रधानमंत्री निधि योजना, बिजली बिल का फर्जी एप्स को लेकर अधिकारी बनकर या अन्य कई तरीको से लोगों से बात करते हैं। जिसमें संबंधित व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड का अपडेट कराने के बात बोलकर तथा विभिन्न प्रकार की बात को बोलकर बहला-फुसलाकर संबंधित व्यक्ति के व्ट्सएप पर नामक फर्जी फाईल भेजने और एक लिंक के रुप में होता हैं, जैसे ही संबंधित व्यक्ति उस लिंक को आपेन करता हैं तबतक हमलोग उसके मोबाईल क्लोलिंग हैंक कर लेते हैं। इसके बाद उसका ओटीपी हमारे मोबाईल में आ जाता हैं। जिससे उस व्यक्ति के खाते का पैसा आनलाइन निकाल लेते हैं।
जियो मार्ट एवं अन्य विभिन्न एप्प से आनलाईन मार्केटिंग करते हैं। साईबर ठगी का पैसा हमलोग अपने बैंक एकाउन्ट में नहीं लेते हैं। उस पैसा को हमलोग किसी अन्य व्यक्ति के खाता में डालते हैं, जिसके बदले उस व्यक्ति को प्राप्त रकम का तीस प्रतिशत देते हैं। पुलिस टीम ने तीनों के पास से बरामद मोबाईल एवं एटीएम कार्ड को जप्त किया और तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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