नयी दिल्ली , नवंबर 03 -- केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ वीरेन्द्र कुमार ने कहा है कि दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं होती, बस उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत होती है और वे अपने लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं।

डॉ कुमार ने सोमवार को यहां अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 'रिडिफाइनिंग एबेलिटीज़' यानी क्षमताओं को नये नजरिए से देखने के विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति नहीं बल्कि प्रोत्साहन की जरूरत होती है। उनमें प्रतिभा और साहस की कमी नहीं होती, प्रोत्साहन से वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेते हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार दिव्यांगजनों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कदम उठा रही है, उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही विशेष योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है कि दिव्यांगजनों को शिक्षा, कौशल विकास, सुगम वातावरण और रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना कोई दान नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। उन्होंने कहा, "हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जहां हर व्यक्ति को समान अवसर, सम्मान और आत्मनिर्भर जीवन मिल सके।"उन्होंने कहा कि सरकार नयी शिक्षा नीति के साथ-साथ विशेष योजनाओं और नीतियों के ज़रिए दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण कर रही है और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है।

डॉ कुमार ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजनों की कला और हुनर को प्रोत्साहन देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर 'दिव्य कला मेलों' का आयोजन किया जा रहा है, जहां वे अपने बनाये हुये उत्पाद प्रदर्शित और बेच सकते हैं। इन मेलों के माध्यम से उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से दिव्यांगजन न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि अपने परिवारों को भी मज़बूती दे रहे हैं। ये मेले बहुत सफल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) को 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से नया रूप दिया गया है। दिव्यांगजनों के लिए वहां सहायक उपकरणों का निर्माण अब ढाई गुना अधिक हो गया है,, उनकी गुणवत्ता भी बहुत सुधार दी गयी है। निगम से पहले केवल काले और भूरे रंग के उत्पाद निर्मित होते हैं, लेकिन अब वहां से नीले, पीले, लाल, केसरिया आदि रंग के उत्पाद बाहर आने लगे हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन हर क्षेत्र में बेहतर योगदान दें, इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, इसके लिए सरकार बहुत संवेदनशील है1 ग्वालियर में दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष स्टेडियम बनाया गया है। उन्होंने कहा के सरकार और सामाजिक संस्थायें समन्वय के साथ काम करेंगी तो दिव्यांगजनों के लिए बहुत अवसर उपलब्ध कराये जा सकेंगे। दिव्यांगजन देश को सशक्त बनाने में अपना महती योगदान दे सकेंगे। उन्होंने अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और प्रयासों की सराहना की।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की अतिरिक्त सचिव मनमीत कौर ने इस मौके पर कहा कि देश ने विकलांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के बाद से कई मज़बूत नीतियां और कानून बनाये हैं। उन्होंने कहा कि अब ज़रूरत है इन कानूनों को ज़मीन पर उतारने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने की। उन्होंने कहा, "भारत के पास मजबूत कानूनी ढांचा है, लेकिन असली सशक्तिकरण तब होगा जब अधिकार अवसरों में बदलें। इसके लिए सरकार, समाज और अमर ज्योति जैसी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा, ताकि समावेश हर घर और हर समुदाय तक पहुंचे।"इस सम्मेलन का उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर, सुगम जीवन और सशक्त समाज के निर्माण पर विचार-विमर्श करना है। यह आयोजन अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट और रिहैबिलिटेशन इंटरनेशनल, न्यूयॉर्क के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। इसमें 25 से अधिक देशों के विशेषज्ञ, नीति निर्माता, शिक्षाविद्, शोधकर्ता और समाजसेवी भाग ले रहे हैं।

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