नयी दिल्ली , नवंबर 22 -- दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करके दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए दिल्ली के बवाना के दानिश राजा और फरीदाबाद के हर्ष पर बेरोजगार युवाओं को विदेश में ज़्यादा पैसे वाली डेटा-एंट्री की नौकरी का वादा करके फुसलाने और फिर उन्हें म्यांमार सीमा के पार स्कैम सेंटरों में मानव तस्करी करके भेजने का आरोप है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह जांच बवाना निवासी इम्तियाज बाबू की शिकायत पर हुई है। वह गत 22 अक्टूबर को म्यावाडी में एक स्कैम कॉम्प्लेक्स पर छापे के दौरान म्यांमार सेना के बचाए गए कई भारतीय नागरिकों में से एक था।" अपने बयान में उन्होंने बताया, "एक कैंप में कुछ समय के लिए रहने के बाद, पीड़ितों को 19 नवंबर को दूतावास की मदद से भारत वापस भेज दिया गया।"इसके बाद आईएफएसओ और गृह मंत्रालय के तहत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4सी) की जांच में पता चला कि इन लोगों को साइबर-दास बनाने के लिए वहां भेजा गया था। पुलिस के मुताबिक, पीड़ितों को कोलकाता से बैंकॉक और फिर गैर-कानूनी क्रॉस-बॉर्डर रास्तों से म्यावाडी ले जाया गया। केके पार्क स्कैम कंपाउंड के अंदर जाने के बाद, उन्हें बंधक बना लिया गया, उन पर हमला किया गया और हथियारों की धमकी देकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाली साइबर-फ्रॉड स्कीम चलाने के लिए मजबूर किया गया।
स्पेशल सेल में भारतीय न्याय संहिता और इमिग्रेशन एक्ट की कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, आईएफएसओ की एक खास टीम ने गुरुवार को बवाना से राजा को गिरफ्तार किया। ऑफिसर के मुताबिक, उसने म्यांमार के हैंडलर्स के साथ काम करना माना और मार्च 2025 में खुद डिपोर्ट होने के बाद भी भारतीयों को भर्ती करना जारी रखा। ऑपरेशन के दौरान को-आरोपी हर्ष को भी पकड़ा गया तथा विदेशी हैंडलर्स के साथ आपत्तिजनक चैट वाले दो मोबाइल फोन ज़ब्त किए गए हैं।
पुलिस ने कहा, "नेटवर्क ने बड़े पैमाने पर स्कैम ऑपरेशन को जारी रखने के लिए कई गाड़ियों के ट्रांसफर, गैर-कानूनी बॉर्डर क्रॉसिंग और डराने-धमकाने के तरीकों का इस्तेमाल किया।" पुलिस पैसे के लेन देन का पता लगाने और सिंडिकेट के और सदस्यों की पहचान करने की कोशिशें कर रही हैं।
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