नयी दिल्ली , अक्टूबर 01 -- दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार की दो बायो-मेडिकल वेस्ट प्लांट बनाने की योजना है ताकि यह कचरा कभी नागरिकों के लिए हवा या सेहत का खतरा न बन सके।
श्री सिरसा ने बुधवार को बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को निर्देश दिए गए हैं कि राजधानी के लिए दो नए आधुनिक बायो-मेडिकल वेस्ट प्लांट के लिए पारदर्शी और समयबद्ध टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए।
उन्होंने कहा कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि मौजूदा दो इकाई पूरी दिल्ली का रोज़ाना निकलने वाला बायो-मेडिकल वेस्ट अकेले नहीं संभाल सकते। पड़ोसी राज्यों में कम आबादी होने के बावजूद अधिक प्लांट मौजूद हैं। इस स्थिति को देखते हुए भूमि, तकनीक, लॉजिस्टिक्स और क्षमता पर अध्ययन कराया गया और निलोठी संयंत्र-जो कई बार एक्सटेंशन पर चल रहा था उसके स्थान पर दो आधुनिक सुविधा स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, "हमारा फोकस शॉर्ट कट लेने पर नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाले स्थायी समाधान बनाने पर है ताकि लोग बदलाव को साफ देख सकें।"उन्होंने कहा कि दिल्ली अपने आधारभूत ढांचे को फिर से मज़बूत कर रही है ताकि बायो-मेडिकल वेस्ट कभी नागरिकों के लिए हवा या सेहत का खतरा न बने।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दोनों नए संयंत्र अपने-अपने इलाकों में कवरेज और लॉजिस्टिक चुनौतियों को कम करेंगे और डीपीसीसी मानकों के अनुरूप काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ये इकाई दिल्ली को आने वाले सालों तक मज़बूत, भरोसेमंद और 'फ़्यूचर-रेडी इन्फ्रास्ट्रक्चर' दें, जो जनता की सेहत और पर्यावरण दोनों की रक्षा करे।
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