हैदराबाद , नवंबर 15 -- तेलंगाना के आईटी एवं उद्योग मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू ने शनिवार को कहा कि तेलंगाना 2030 तक भारत की 'एयरो-इंजन राजधानी' बनने के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (आईएसबी) में आयोजित 'आत्मनिर्भर भारत का सशक्तिकरण: भारत का एयरोस्पेस एवं रक्षा विनिर्माण शिखर सम्मेलन' में बोलते हुए, श्री श्रीधर बाबू ने कहा कि राज्य सरकार अग्रणी उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी एयरोस्पेस और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार कर रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई आधारभूत पहलों ने तेलंगाना को एक रणनीतिक रक्षा केंद्र के रूप में विकसित होने में सक्षम बनाया है, जिससे राज्य को एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में लाभ मिला है।
मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में तेज़ी से हो रहे भू-राजनीतिक घटनाक्रम और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों ने देशों को भारत जैसे विश्वसनीय और भरोसेमंद भागीदारों की ओर आकर्षित किया है, और तेलंगाना इस बदलाव का ध्यान और तैयारी के साथ लाभ उठाने का इरादा रखता है।
उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा उत्पादन पिछले साल 1.5 लाख करोड़ को पार कर गया, जबकि रक्षा निर्यात में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने आगे कहा कि ये रुझान भारत की क्षमताओं में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत, सरकार 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में एकीकृत कर रही है।
राज्य में वर्तमान में 25 से अधिक प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ए एंड डी कंपनियां और 1,500 से अधिक मध्यम उद्योग ( एमएसएमई) हैं जो वैश्विक बाजारों में तेलंगाना ब्रांड को मजबूत कर रहे हैं। आईटी मंत्री ने कहा कि तेलंगाना का एयरोस्पेस निर्यात 2023-24 में 15,900 करोड़ था, और 2024-25 के पहले नौ महीनों में ही बढ़कर 30,742 करोड़ हो गया, जो इस क्षेत्र के त्वरित विकास को दर्शाता है।
राज्य की विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने वाले प्रमुख निवेशों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि आदिबतला में 425 करोड़ के निवेश से निर्मित टाटा-सफ्रान एयरो-इंजन सुविधा हाल ही में चालू हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही जेएसडब्ल्यू डिफेंस यूएवी निर्माण इकाई (800 करोड़) और प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स की नई रक्षा उत्पादन सुविधा (500 करोड़) चालू हो जाएगी।
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