झुंझुनू , नवम्बर 21 -- राजस्थान में झुंझुनू जिले में खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल एक लाख 18 हजार किसानों को जमीन का सत्यापन कराना होगा, सत्यापन में तीन हेक्टेयर से ज्यादा जमीन होने पर संबंधित किसान को खाद्य सुरक्षा योजना के लिए अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।

जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने शुक्रवार को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य के जिला रसद अधिकारियों को संदिग्ध लघु किसानों की सूची तैयार करके भिजवाई है। जिले में आई सूची में शामिल किसानों के सत्यापन का काम शुरू कर दिया है। इसमें रसद विभाग ने राशन डीलरों को ऐसे किसानों की सूची भेजकर दुकान के बाहर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी उपखंड अधिकारियों को सौंपी गई है। रसद विभाग ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि लेने वाले राज्य के 63 लाख 85 हजार किसानों के जमीन रिकॉर्ड की जांच कराई है। इसमें खाद्य सुरक्षा में शामिल एक लाख 32 हजार किसानों के पास तय सीमा से ज्यादा जमीन होने का पता चला है। 'जिले में एक लाख 18 हजार संदिग्ध किसानों की सूची आई है। इन्हें खुद के पास तीन हेक्टेयर से कम जमीन होने का सत्यापन कराना है। इससे ज्यादा जमीन वाले संदिग्ध किसान गिव अप में खुद का नाम हटवा सकते हैं।

डॉ. राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार से आई संदिग्ध किसानों की सूची की जांच का काम जिले में तेजी से हो रहा है। जिले में 95 प्रतिशत नामों की जांच प्रारंभिक तौर पर हो चुकी है। अभी जिले में 7903 अपात्र किसानों ने अपने सत्यापन की जानकारी नहीं दी है। इसके लिए उनको दोबारा से निर्देश दिए गए हैं। वे पटवारी के पास जाकर खुद के पास ज्यादा जमीन नहीं होने की जानकारी लाकर दें।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पहली बार पीएम किसान सम्मान निधि लेने वाले किसानों के नाम दर्ज जमीन का रिकार्ड लिया है। इसमें खाद्य सुरक्षा में शामिल लघु किसानों के पास जमीन का सत्यापन किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार ने जिलेवार जमीन की सीमा तय की है। जिसमें जिले में तीन हेक्टेयर या उससे ज्यादा जमीन वाले किसान को योजना से बाहर किया जाएगा।

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