भोपाल/ग्वालियर , नवंबर 14 -- मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में किए जा रहे विद्युत निर्माण कार्यों से बिजली वितरण व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होने जा रही है। आरडीएसएस योजना के अंतर्गत ग्वालियर शहर के तारागंज क्षेत्र में 2 करोड़ 92 लाख रुपये की लागत से 33/11 केवी का नया उपकेन्द्र तैयार किया जा रहा है। इसके शुरू होने से तारागंज, सिकन्दरकंपू, समाधिया कॉलोनी, आपागंज और आसपास के लगभग 8 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी।

33 केवी लाइन के इंटरकनेक्शन और बाईफरकेशन के 10 निर्माण कार्य 7 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से किए जा रहे हैं। शहर में इसी तरह 11 केवी लाइन के इंटरकनेक्शन और बाईफरकेशन के 41 कार्य 6 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से सम्पन्न किए जा रहे हैं। ग्वालियर शहर की विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 26 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न क्षेत्रों में 355 नए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कुछ इलाकों में 2 करोड़ रुपये की लागत से उच्च क्षमता की केबिल भी बिछाई जा रही है।

एसएसटीडी योजना के अंतर्गत ग्वालियर शहर में 33 केवी लाइनों के विस्तार पर 42 लाख 66 हजार रुपये और 11 केवी लाइनों के विस्तार पर 2 करोड़ 53 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इसी योजना में एक उपकेन्द्र पर पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि 39 लाख रुपये की सहायता से की जा रही है।

आरडीएसएस के तहत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 8 जिलों ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर में 455 करोड़ रुपये की लागत से 7 नए 33/11 केवी सब-स्टेशन, 490 किमी लंबी लाइन और क्षमता वृद्धि के कार्य जारी हैं। साथ ही 2 हजार 383 किमी नई 11 केवी लाइनों का निर्माण भी किया जा रहा है। इसी तरह एसएसटीडी योजना के अंतर्गत भी इन जिलों में समान स्तर के निर्माण कार्य प्रगतिशील हैं।

ग्वालियर-चंबल संभाग में विद्युत विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2020 में यहां 55 ईएचटी सब-स्टेशन और 4938 किमी ईएचटी लाइनें थीं। इसके बाद 11 नए सब-स्टेशन स्थापित किए गए और 4 निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2020 के बाद 776 किमी नई ईएचटी लाइनें स्थापित की गईं तथा 661 किमी लाइनों का कार्य वर्तमान में जारी है।

ग्वालियर जिले में 2020 में कुल 11 ईएचटी सब-स्टेशन और 999 किमी ईएचटी लाइनें थीं। इसके बाद एक नया सब-स्टेशन तैयार किया गया और एक निर्माणाधीन है। 2020 के बाद 198 किमी ईएचटी लाइनें बिछाई जा चुकी हैं और 82 किमी लाइन विस्तार का कार्य प्रगति पर है।

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