नयी दिल्ली , नवंबर 08 -- तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ'ब्रायन ने शनिवार को नरेंद्र मोदी नीत सरकार की संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि छोटी करने की घोषणा पर तीखी आलोचना की।
यह सत्र आगामी एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा और इसमें केवल 15 कार्यदिवस होंगे।
श्री ओ'ब्रायन ने वर्ष 2014 से चली आ रही प्रवृत्ति का हवाला देते हुए सरकार पर जानबूझकर संसदीय बैठकों के दिनों को सीमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और उनकी टीम संसद-भय (संसद का सामना करने का एक रुग्ण भय) की गंभीर स्थिति से जूझ रही है।"उन्होंने कहा कि पहली लोकसभा के दौरान प्रति सत्र बैठकों की औसत संख्या 45 दिनों से घटकर हाल के वर्षों में वर्तमान प्रशासन के तहत मुश्किल से 17 दिन रह गई है। उन्होंने जोर दिया कि जब विपक्ष बेरोज़गारी और संघवाद के गला घोंटने पर चर्चा की माँग करता है, तो एक लंबा शीतकालीन सत्र सरकार के लिए और भी असहज कर देता।
विपक्षी दलों का तर्क है कि इस कटौती का उद्देश्य बेरोजगारी और संघवाद के क्षरण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जोरदार बहस से बचना है।
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