जयपुर , नवम्बर 21 -- पूर्वी राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना के तहत बनने वाले डूंगरी बांध से सवाईमाधोपुर और करौली जिले की एक लाख 25 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी और लोगों को भरपूर पेयजल मिलेगा।
शासन सचिवालय में मंत्री समूह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में यह बात कही। इस दौरान कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि डूंगरी बांध का निर्माण संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना का महत्वपूर्ण अंग है और बांध के निर्माण से मुख्यतः सवाई माधोपुर और करौली जिले में सिंचाई के लिए पानी और लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा।
डा मीणा ने कहा कि यह बांध संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना के तहत बनाया जाना है। इससे मात्र 16 गांवों की आबादी ही डूब क्षेत्र से प्रभावित होगी जबकि कतिपय लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि 76 गांव प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परियोजना से विस्थापित होने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर गंभीर है। उन्हें नियमानुसार मुआवजा प्रदान कर अन्य सुविधाओं के साथ नजदीक ही बसाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना व्यापक प्रदेश हित में है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बंध में किसी भी पक्ष से संवाद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण से क्षेत्र में भूमि सिंचित होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसानों की आय बढ़ने से क्षेत्र में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों के लिए संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार इसे जल्द से जल्द क्रियान्वित करने के लिए संकल्पित है। इसी दिशा में यह बांध महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण से कालीसिंध, पार्वती और चम्बल से समुद्र में व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को रोका जा सकेगा।
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