वाशिंगटन डीसी, सितंबर 26 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार सुबह वाशिंगटन डीसी स्थित ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की मेजबानी की। यह जानकारी डॉन ने दी।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि इस दौरान अमेरिकी उराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी उपस्थित थे और बैठक सुखद वातावरण में आयोजित की गई।
यह बैठक पाकिस्तानी समयानुसार सुबह 1:30 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पत्रकारों से बात करने के कारण लगभग 30 मिनट की देरी से शुरू हुई। बैठक लगभग एक घंटा 20 मिनट तक चली।
यह दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा जुलाई 2019 में श्री ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान उनसे मुलाकात के छह साल बाद हो रही है।
बैठक से पहले पत्रकारों से बात करते हुए श्री ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस में एक महान नेता आ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल आ रहे हैं दोनों ही बहुत अच्छे व्यक्ति हैं।
रेडियो पाकिस्तान ने पहले कहा था कि दोनों के बीच आपसी हितों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
हालांकि, बैठक में प्रेस को अनुमति नहीं थी और यह श्री ट्रम्प के सामान्य कार्यप्रणाली से अलग है क्योंकि वह ओवेल ऑफिस में फोटो खिंचवाने के लिए चयनित कैमरों और रिपोर्टरों को आमंत्रित करने के लिए जाने जाते हैं।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री शरीफ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका में हैं। अपने इस व्यस्त दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री शहबाज़ ने मुस्लिम ब्लॉक के एक प्रमुख बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन, यूएनजीए के सत्रों में भाग लिया है, साथ ही न्यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ भी बैठकें की हैं।
इससे पहले, न्यूयॉर्क में एक मीडिया ब्रीफिंग में, विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डॉन को बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच संबंध धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं। वर्षों से, अमेरिका भारत को एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रतिकार के रूप में देखता रहा है जबकि पाकिस्तान को चीन का एक करीबी सहयोगी माना जाता है।
जनवरी 2025 में श्री ट्रम्प के कार्यालय में वापस आने के बाद से, भारतीयों के लिए वीजा बाधाओं, भारतीय वस्तुओं पर वाशिंगटन द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ और राष्ट्रपति के बार-बार दावे के कारण भारत के साथ अमेरिकी संबंध तनावग्रस्त हुए हैं जबकि सीमा पार शत्रुता के बाद मई में श्री ट्रम्प ने व्यक्तिगत रूप से भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम की मध्यस्थता की थी।
वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात पर बल दिया कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध भारत के साथ उसकी साझेदारी से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे स्वतंत्र संबंध हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खनिज क्षेत्र में हाल ही में हुए करोड़ों डॉलर के अमेरिकी निवेश को याद किया और पेट्रोलियम अन्वेषण में अमेरिका की निरंतर रुचि का उल्लेख किया।
31 जुलाई को दोनों देशों ने एक व्यापार समझौते की घोषणा की जिसके तहत अमेरिका ने पाकिस्तानी वस्तुओं पर 19 प्रतिशत टैरिफ लगाया। श्री ट्रम्प ने अभी तक भारत के साथ ऐसा ही कोई समझौता अंतिम रूप नहीं दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि वाशिंगटन के साथ तनाव के जवाब में, नयी दिल्ली ने बचाव के तौर पर चीन के साथ अपने संबंधों को फिर से संतुलित करना शुरू कर दिया है।
इस वर्ष के आरंभ में, श्री ट्रम्प ने फील्ड मार्शल मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नागरिक अधिकारियों की उपस्थिति के बिना पाकिस्तान के सैन्य नेता की मेजबानी की थी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में सेना की केंद्रीय भूमिका का पता चलता है।
भारत के संबंध में अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति रिश्तों में आई निराशाओं के बारे में खुलकर बात करने में विश्वास रखते हैं लेकिन फिर भी इसे मज़बूत मानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वाशिंगटन नयी दिल्ली को एक अच्छे दोस्त और साझेदार के रूप में देखता है, जिसके अमेरिका के साथ संबंध 21वीं सदी को परिभाषित करेंगे।
इस्लामाबाद ने भारत के साथ तनाव कम करने के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए श्री ट्रम्प का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है हालांकि उसने गाजा, कतर और ईरान में इजरायली बमबारी की निंदा की है।
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बैठक से पहले प्रधानमंत्री शहबाज ने न्यूयॉर्क में बंगलादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने बंगलादेश के साथ रचनात्मक और दूरदर्शी संबंधों को मजबूत करने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो आपसी सम्मान, विश्वास और क्षेत्रीय शांति और समृद्धि की साझा आकांक्षाओं पर आधारित है।
श्री यूनुस ने संबंधों को गहरा करने की पाकिस्तान की पहल की सराहना की तथा द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
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