नयी दिल्ली , अक्टूबर 08 -- दिल्ली पुलिस की मध्य दिल्ली साइबर अपराध इकाई ने एक बड़े टेलीग्राम निवेश धोखाधड़ी रैकेट का करते हुये पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक बैंक अधिकारी भी शामिल है।

पुलिस उपायुक्त निधिन वाल्सन ने बुधवार को बताया कि इस गिरोह ने नकली निवेश योजनाओं के माध्यम से लोगों से ठगी की गयी और इस काम में बैंक के अंदरूनी लोगों की भी मदद ली थी।

यह मामला तब सामने आया जब एक महिला ने जिला के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके साथ टेलीग्राम पर निवेश के नाम पर 4.80 लाख की धोखाधड़ी हुई है। पीड़िता ने बताया कि उसे "ललिता" नामक एक महिला ने टेलीग्राम पर संपर्क किया और उच्च रिटर्न वाली एक निवेश योजना का लालच दिया।

शुरुआत में छोटे रिटर्न दिखाकर उसका विश्वास जीता गया और फिर बड़ी रकम निवेश करने के लिए दबाव डाला गया। जैसे ही उसने 4.80 लाख जमा किए, आरोपी फरार हो गए।

मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुलेखा जगरवार ने की। जांच टीम ने तकनीकी और वित्तीय जांच से पता चला कि ठगी गई रकम "एजे टेक्नोलॉजी" नामक एक फर्जी फर्म के खाते में भेजी गई थी, जो फर्जी दस्तावेजों से खोला गया था।

छापेमारी के दौरान, पुलिस ने इसके मुख्य संचालक राहुल कुमार और उसके साथी अजय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया, जो एक साइबर कैफे चलाता था और फर्जी केवाईसी बनाने में मदद करता था। बाद में, जीएसटी फाइलिंग में हेरफेर करने में मदद करने वाले सोनू कुमार और फर्जी खाते खोलने वाले एजेंट कुणाल सागर को भी गिरफ्तार किया गया। कुणाल ने अकेले कर्नाटक बैंक की एक शाखा में 23 से अधिक फर्जी खाते खोले थे।

जांच में सामने आया कि इस फर्जीवाड़े में कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत थी। पता चला कि कुछ बैंक अधिकारी लगभग 1.9 प्रतिशत के कमीशन के लालच में आरबीआई और बैंक के अनिवार्य केवाईसी नियमों की जानबूझकर अनदेखी करते थे। वे बिना मूल पहचान पत्रों की जाँच किए और बायोमेट्रिक सत्यापन को बाईपास करके फर्जी खाते खुलवाते थे।

पुलिस ने कर्नाटक बैंक के अधिकारी मोहित दाधीच को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य अधिकारी अभिषेक अभी भी फरार है। यह भी पाया गया है कि अन्य प्रमुख निजी बैंकों के कर्मचारी भी इसी तरह की गतिविधियों में शामिल थे।

पुलिस ने अब तक इस रैकेट से जुड़े 250 से अधिक फर्जी बैंक खाते और 50 से अधिक फर्जी फर्मों का पता लगाया है। आरोपियों से 14 सिम कार्ड, चार मोबाइल फोन, दाे लैपटॉप, 17 फर्जी कंपनियों की मोहरें और 11 डेबिट कार्ड सहित कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने जनता को सलाह दी है कि वे ऊंचे रिटर्न का वादा करने वाले टेलीग्राम या व्हाट्सएप समूहों में निवेश न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 1930 पर कॉल करके दें।

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