रांची, 06अक्टूबर (वार्ता) झारखंड सरकार ने जनहित में बड़ा कदम उठाते हुए तीन दवाओं के उपयोग, क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगा दी है।
यह निर्णय तब लिया गया जब मध्य प्रदेश राज्य प्रयोगशाला द्वारा इन दवाओं में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा की पुष्टि की गई। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरों के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। इसी क्रम मेंजिन तीन सिरपों को प्रतिबंधित किया गया है, वे कोल्ड्रिफ़ सिरपपैरासिटामोल, फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड, क्लोरफेनिरामाइन मैलेट एसआर-13 श्रीसन फार्मास्युटिकल, कांचीपुरम, तमिलनाडु,रेस्पिफ्रेश टीआर सिरपब्रोमहेक्सिन एचसीएल, टरबुटालाइन सल्फेट, गुआइफेनसिन, मेन्थॉलआर01जीएल2523रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स प्रा. लिमिटेड, जयपुर, गुजरातरिलाइफ सिरप एम्ब्रोक्सोल एचसीएल, गुइफेनसिन, टरबुटालाइन सल्फेट, मेन्थॉल एलएसएल25160शेप फार्मा प्रा. लिमिटेड, सुरेंद्रनगर, गुजरात शामिल है।
इन दवाओं में डीईजी की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई, जो कि शरीर के लिए विषैली होती है और खासकर बच्चों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु का कारण बन सकती है।
झारखंड राज्य औषधि निदेशालय ने सभी दवा निरीक्षकों, थोक विक्रेताओं और खुदरा फार्मेसियों को निर्देश दिया है कि इन दवाओं का उपयोग और विक्रय पूर्ण रूप से बंद किया जाए। साथ ही सभी संबंधित अधिकारी सतत निगरानी और निरीक्षण अभियान चलाकर सैंपलिंग करें और रिपोर्ट निदेशालय को भेजें। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कहीं भी इन प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पाई गई तो संबंधित संस्थान के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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