रांची, 09अक्टूबर (वार्ता) झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद का यूनिसेफ एवं रूम टू रीड समेत अन्य गैर सरकारी,सामजिक संस्थाओ के सहयोग से रीडिंग कैंपेन का आज रांची में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अविनव कुमार, रूम टू रीड के वरीय कार्यक्रम निदेशक सकतिब्रत सेन, यूनिसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ पारुल शर्मा, चेंज इंक फाउंडेशन की ट्रस्टी सह फाउंडर नूपुर झुनझुनवाला समेत विभिन्न सामाजिक,गैर सरकारी संस्थाओ के प्रतिनिधियों, सभी जिलों के सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल हुए।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने कहा कि "रीडिंग कैंपेन-माई बुक माई स्टोरी" में सात लाख से अधिक बच्चो का भाग लेना उत्साहवर्धक है। उन्होंने पदाधिकारियों को सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरी के इस्तेमाल कि लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया। श्री रंजन ने कहा कि बच्चो के पास आज बुक है और मोबाइल फोन दोनों है। बदलाव के इस दौर में हमे हर पल सजग रहने की आवश्यकता है। पहले बच्चो के पास कहानियों की कई किताबे रहती थी, मगर आज के बच्चे इन कहानी किताबो और कॉमिक्स मैगज़ीन से अनजान है। आज सब कुछ डिजिटल हो गया है, बच्चे मोबाइल पर अधिक समय बिता रहे है।

।मोबाइल में देखकर और स्वयं पढ़कर सीखने में काफी अंतर है। कहानियां पढ़ना बच्चो के सामाजिक, भावनात्मक, जीवन कौशल के विकास के लिए बहुत जरूरी है। संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए बहुत जरूरी है पढ़ना। उन्होंने कहा कि रीडिंग कैंपेन की निरंतरता बनी रहे। पीटीएम में भी बच्चो के पठन की आदत को विकसित करने के लिए अभिभावकों को जागरूक करे, उन्हें प्रोत्साहित करे।

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