रांची , नवम्बर 19 -- झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य प्रहरी कार्यक्रम के तहत सहिया, सहिया साथी, प्रखंड प्रशिक्षक दल और राज्य प्रशिक्षक दल के मानदेय और प्रोत्साहन राशि में बड़ी बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।
यह फैसला स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की अध्यक्षता में लिया गया, जिसे जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले हजारों कर्मियों के सम्मान और अधिकार से जुड़ा ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
डॉ. अंसारी ने आज कहा कि सहिया, सहिया साथी, बीटीटी और एसटीटी ही वह मजबूत रीढ़ हैं, जिनकी बदौलत स्वास्थ्य सेवाएं गांव-गांव और घर-घर तक पहुंच पाती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सम्मानजनक मानदेय और प्रोत्साहन राशि इन कर्मियों का हक है और सरकार इनकी हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने सहियाओं से अपील की कि वे मरीजों के बेहतर और समय पर इलाज में सक्रिय सहयोग करें और अनावश्यक रूप से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करने से बचें, क्योंकि जनता उन्हीं पर भरोसा करके सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचती है।
नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की 39,964 और शहरी क्षेत्रों की 3,000 सहियाओं को नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) से मिलने वाले 2,000 रुपये मासिक मानदेय के अलावा राज्य सरकार की ओर से 2,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस तरह सहियाओं का मासिक प्रोत्साहन सीधे दोगुना हो जाएगा, जिस पर कुल 10,311.36 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है। सहिया साथियों के लिए अब 24 दिन की अधिकतम सीमा के साथ पूर्व में मिल रहे 375 रुपये प्रति माह की जगह 50 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान होगा, जिससे उनकी दैनिक आय में उल्लेखनीय सुधार होगा।
इसी प्रकार प्रखंड प्रशिक्षक दल के लिए भी प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की गई है, जिसमें ग्रामीण 388, शहरी 44, 194 और आरके एसके 73 प्रशिक्षकों को पहले जहां अधिकतम 24 दिन पर 650 रुपये मासिक मिलते थे, अब उन्हें 80 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान होगा। राज्य प्रशिक्षक दल (एसटीटी) के 48 सदस्यों के लिए मानदेय 850 रुपये मासिक से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है, जिससे प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण तंत्र और अधिक सशक्त होने की उम्मीद है।
इस निर्णय से राज्य सरकार पर कुल 10,834.65 लाख रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आएगा, लेकिन सरकार ने इसे जनहित और स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान से जुड़ा निवेश मानते हुए मंजूरी दी है। मंत्री ने माना कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण पहले से ही राज्यों पर अतिरिक्त बोझ है, इसके बावजूद झारखंड सरकार अपनी सहिया बहनों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मजबूती से खड़ी है।
फैसले की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में सहिया, सहिया साथी, बीटीटी और एसटीटी के बीच खुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई है।
कई स्थानों से स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ा हुआ मानदेय उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाएगा और उन्हें और अधिक निष्ठा व ऊर्जा के साथ कार्य करने की प्रेरणा देगा। झारखंड सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक बढ़ोतरी है, बल्कि इसे जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान, पहचान और राज्य की स्वास्थ्य सेना के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।
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