नयी दिल्ली , अक्टूबर 18 -- सरकार ने शनिवार को कहा कि कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें कम होने का लाभ ग्राहकों को दे रही है और खास कर इलेक्ट्रानिक सामानों की बिक्री में जोरदार तेजी की बदौलत इस बार नवरात्र में खुदरा कारोबारियों की बिक्री एक साल पहले की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण , वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सूचना प्रौद्योगिकी, रेल और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव वस्तु एवं सेवाकर में सितंबर में किये गए व्यापक सुधारों के प्रभाव पर एक संवाददाता सम्मेलन कहा कि जीएसटी में कमी से उपभोक्तओं को परिवारों के लिए कर में लगभग 2.5 लाख करोड़ का कर का लाभ मिलने और खपत में 20 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि सरकार रोजमर्रा के इस्तेमाल की 54 प्रकार की चीजों की कीमतों की निगरानी कर रही है और जीएसटी की अपनी फील्ड इकाइयों से मिल रही जानकारी के अनुसार इनमें से एक खास प्रकार के सीमेंट और कुछ दुग्ध उत्पादों को छोड़ कर ज्यादातर उत्पादों पर विक्रेताओं को कर छूट का अनुमान के लगभग बराबर या कुछ मामलों में ज्यादा ही लाभ मिला है।

श्रीमती सीतारमण ने फील्ड इकाइयों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा, ' हमें विश्वास है कि सभी वस्तुओं पर कर में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया है।" वित्त मंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के त्योहारी उपहार ने नवरात्रि में रिकॉर्ड बिक्री को बढ़ावा दिया और इस बार भारत की अब तक की सबसे समृद्ध दिवाली बनने की नींव रखी है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत में त्योहारों की खरीद मकर संक्रांति तक चलती है।

श्री गोयल ने कहा कि जीएसटी में कटौती का मांग, निवेश रोजगार, आय और उससे उत्प्रेरित निवेश और उपभोग की मांग में वृद्धि के रूप में गुणक प्रभाव पड़ेगा।

श्री वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधार के दौरान, देश में खपत कैसे बढ़ेगी और माँग कैसे बढ़ेगी, इस बारे में कई अनुमान लगाए गए है। अगर पिछले साल के अपने सकल घरेल उत्पाद ( जीडीपी ) के आँकड़े देखें, तो यह 335 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 202 लाख करोड़ रुपये खपत और 98 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। उन्होंने कहा, " जीएसटी सुधारों के कारण इस साल खपत में 10 प्रतिशत से ज़्यादा की वृद्धि होने की प्रबल संभावना है, यानी लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत की प्रबल संभावना है।"श्री वैष्णव ने कहा, " इस साल, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को स्मार्टफ़ोन निर्यात करने में अपने पड़ोसी देश को पीछे छोड़ दिया है। यह हमारे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कुछ बड़ी कंपनियों का लगभग 20 प्रतिशत विनिर्माण अब भारत में हो रहा है।"मंत्रियों ने कहा कि इस समय मुद्रास्फीति आठ वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति केवल 1.54 प्रतिशत रही जो आठ साल का न्यूनतम स्तर है। खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से भी 2.3 प्रतिशत नीचे हो गई है। इसका फायदा परिवारों को मिल रहा है और वे खुशी मना सकते हैं क्यों की जीएसटी कम होने से कीमतें गिरी हैं और क्रय शक्ति बढ़ी है।

सरकार का अनुमान है कि त्योहारों और शादियों के मौसम में कारोबार सात लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा होने का अनुमान है, जो एक नया रिकार्ड होगा। सरकारी आकड़ों के अनुसार जीएसटी बचत का लाभ उठाने के लिए खरीदारों की होड़ के कारण डिजिटल भुगतान रातोंरात दस गुना बढ़ गया है। इस विधि से भुगतान 21 सितंबर को 1.18 लाख करोड़ रुपये के बराबर था जो 22 सितंबर (जीएसटी लागू होने के पहले दिन)11.31 लाख करोड़ रुपये हो गया।

दिल्ली जैसे शहरों में त्योहारों पर बिक्री 75,000 करोड़ रुपये की रहने का अनुमान है, जबकि 2,500 रुपये से कम के कपड़ों पर जीएसटी में कटौती के बाद अहमदाबाद में सूती कपड़े की मांग लगभग 10 प्रतिशत बढ़ गई है।

वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी में कटौती से इलेक्ट्रानिक्स और वाहनों की मांग के साथ साथ कृषि उपकरणों की मांग में भी तेजी आयी है। ऑटोमोबाइल उद्योग ने एक दशक का नवरात्र की बिक्री का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मारुति सुजुकी की बिक्री पिछले साल की तुलना में दोगुनी रही। नवरात्र के केवल आठ दिनों में कंपनी ने 1.65 लाख कारें बेची जिसमें अकेले अष्टमी पर रिकॉर्ड 30,000 वाहन शामिल हैं, जो 35 वर्षों में एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की एसयूवी की बिक्री में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। टाटा मोटर्स ने भी ग्राहकों को 50,000 से अधिक वाहन बेचे ।

हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो ने भी बताया कि उनके दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले साल की तुलना में दोगुनी रही। डीलरों के अनुसार ऑटो उद्योग ने नवरात्रि की बिक्री में साल-दर-साल 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है।

श्रीमती सीतारण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जीएसटी अगली पीढ़ी के सुधारों की घोषणा की थी और जनता को दीपावली से जीएसटी कटौती का तोहफा देने की बात की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में सुधार की कवायद साल डेढ साल से चल रही थी।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने अपनी 56वीं बैठक में प्रस्तावों को मंजूरी दी और त्योहारी सीज़न से पहले उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाने के लिए दरों में बदलाव 22 सितंबर 2025 (नवरात्रि) से प्रभावी हुए।

वित्त मंत्री ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य जीएसटी संरचना को सरल बनाना, विवादों को कम करना, व्यापक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम करना और तीन स्तंभों: संरचनात्मक सुधार, दरों का युक्तिकरण और जीवनयापन में आसानी के माध्यम से व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है।

जीएसटी परिषद ने जीएसटी दर संरचना को 4 स्लैब (5, 12, 18, 28 प्रतिशत) से सरल करके 2 स्लैब (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दिया है। इसके साथ 40 प्रतिशत की एक विशेष दर कुछ अति-विलासिता वाली या अहितकर वस्तुओं के लिए बनायी गयी है। खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ, साबुन, शैंपू, पैकेज्ड सामान जैसी आवश्यक वस्तुएँ अब 5 प्रतिशत कर योग्य हैं या कर मुक्त हैं। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ (टीवी, रेफ्रिजरेटर, डिशवॉशर, छोटी कारें, दोपहिया वाहन) 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गयी हैं। कृषि उपकरण, जैव-कीटनाशकों, ट्रैक्टर के पुर्जों पर कम जीएसटी से किसानों को लाभ।

वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न उद्योग संघो ने जीएसटी में सुधारों का स्वागत किया है जिनमें रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान ऑटो और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु निर्माताओं के संघ, लघु एवं मझोले उद्योग,वस्त्र कपड़ा हस्तशिल्प और नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग शामिल है। इस सुधार से मांग बढ़ी है, उत्पादन के साधन सस्ते हुए हैं तथा तरला बढ़ी है।

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