अमृतसर , अक्टूबर 06 -- गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने गैर-सरकारी संगठन हेल्प ए चाइल्ड ऑफ इंडिया के सहयोग से कुलपति प्रोफेसर डॉ. करमजीत सिंह के निर्देशानुसार, सोमवार को अजनाला के मलिकपुर गांव में बाढ़ प्रभावित बच्चों के लिए एक मनोसामाजिक सहायता सत्र आयोजित किया।
इस सत्र में हाल ही में आयी विनाशकारी बाढ़ के बाद के हालात से जूझ रहे बच्चों को महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान की गयी।
सहायक प्रोफेसर डॉ बलबिंदर सिंह के नेतृत्व में, मनोविज्ञान के छह छात्रों के साथ, टीम ने एनजीओ द्वारा स्थापित बाल-अनुकूल स्थान पर बच्चों के साथ बातचीत की। इस सत्र में संरचित गतिविधियों और मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के सिद्धांतों के माध्यम से बच्चों को उनके दर्दनाक अनुभवों से उबरने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बातचीत के दौरान, टीम ने पाया कि जहां सभी बच्चों में आघात के लक्षण दिखायी दिये, वहीं लड़कियों में लड़कों की तुलना में चिंता का स्तर अपेक्षाकृत अधिक था। बच्चों ने अपनी भविष्य की आकांक्षायें साझा कीं, सेना में जवान, डॉक्टर और आईएएस अधिकारी बनने के सपने व्यक्त किये, और हाल की कठिनाइयों के बावजूद उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया, जिससे एक आशावादी चर्चा शुरू हुई।
डॉ बलबिंदर सिंह ने कहा, " इस व्यावहारिक जुड़ाव ने हमारे छात्रों को आघात-सूचित देखभाल का अमूल्य अनुभव प्रदान किया और साथ ही कमज़ोर बच्चों को सार्थक सहायता भी प्रदान की। "उन्होंने कहा, " यह सामुदायिक कल्याण के लिए मनोवैज्ञानिक विज्ञान के अनुप्रयोग के प्रति हमारे विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। "जीएनडीयू और हेल्प ए चाइल्ड ऑफ इंडिया के बीच सहयोग से 'हीलिंग हार्ट्स' कार्यक्रम में व्यावसायिक विशेषज्ञता को जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के साथ संयोजित किया गया, जिससे मलिकपुर के बाढ़ प्रभावित बच्चों के लिए एक व्यापक सहायता प्रणाली तैयार हुई।
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