टोक्यो/चंडीगढ़ , अक्टूबर 06 -- हरियाणा के कुरुक्षेत्र की पावन धरा से भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए गीता के दिव्य संदेश को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के प्रयासों को सोमवार को एक नया आयाम मिला, जब जापान में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और भारत की सनातन संस्कृति एवं आध्यात्म का संदेश विश्व को दिया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता केवल एक धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन दर्शन है। इसमें निहित कर्मयोग, सत्य, कर्तव्य और आंतरिक शक्ति की शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी हजारों वर्ष पहले थीं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का उद्देश्य गीता के सार्वभौमिक सिद्धांतों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाना है, ताकि मानवता शांति, सद्भाव और सहयोग का मार्ग खोज सके।
उन्होंने बताया कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रयासों से जापान की धरती पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 5,162 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर गीता का अमर संदेश दिया था, और हर वर्ष गीता जयंती पर असंख्य श्रद्धालु इस दिव्य उपदेश के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए कुरुक्षेत्र में एकत्रित होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव अब भारत से बाहर मॉरीशस, लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, यूके और इंडोनेशिया सहित कई देशों में मनाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय अब 40 देशों में भारतीय दूतावासों के माध्यम से इस महोत्सव का आयोजन कर रहा है।
श्री सैनी ने कहा कि भारत और जापान के बीच सदियों पुराने संबंध हैं। बौद्ध धर्म छठी शताब्दी में भारत से जापान पहुँचा और तब से दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि गीता एक ऐसा दिव्य प्रकाश स्तंभ है जो समय, स्थान और सीमाओं से परे है। गीता किसी एक धर्म का नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक मार्गदर्शक ग्रंथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन प्रबंधन की दृष्टि से श्रीमद्भगवद्गीता विश्व का सर्वोत्तम ग्रंथ है, जिसने विज्ञान, प्रबंधन और चिकित्सा के क्षेत्र में भी दिशा दिखाई है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की सभी समस्याओं का समाधान गीता की शिक्षाओं में निहित है। दैनिक जीवन में गीता के सिद्धांतों को अपनाकर ही सार्वभौमिक सद्भाव और शांति प्राप्त की जा सकती है।
श्री सैनी ने कहा कि जापान में गीता महोत्सव का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत सीमाओं से परे जाकर आध्यात्मिक एकता और वैश्विक शांति का संदेश फैला रही है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएँ आज भी मानवता का मार्गदर्शन कर रही हैं और जापान की धरती पर उनके शाश्वत संदेश की गूंज इस सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक है।
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