सोल , अक्टूबर 02 -- जापान का एक युद्धपोत अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस होने के लिये रवाना हो गया है।
यह अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगियों की अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की ताजा कवायद है क्योंकि चीन और उत्तर कोरिया जैसे प्रतिद्वंद्वी देश अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहे हैं।
सीएनएन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एजिस-सज्जित गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर-जेएस चोकाई, अमेरिका में एक साल के लिए भेजा गया है जहां इस जहाज में कुछ जरूरी बदलाव करक चालक दल को टॉमहॉक मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये टॉमहॉक मिसाइलें लगभग 1,000 मील की रेंज वाली शक्तिशाली क्रूज मिसाइलें हैं। इससे चीन या उत्तर कोरिया के काफी क्षेत्र जापानी युद्धपोत की रेंज में आसानी से आ जाएंगे।
जापान ने 2024 की शुरुआत में अमेरिका के साथ 400 टॉमहॉक मिसाइलें खरीदने का सौदा किया था, जो उसकी क्षेत्रीय खतरों का मुकाबला करने के लिए रक्षा खर्च बढ़ाने की योजना का हिस्सा है। रक्षा मंत्री जनरल नकातानी ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का "सबसे गंभीर और जटिल सुरक्षा माहौल" करार दिया है।
जुलाई में जारी किये गये रक्षा मंत्रालय के वार्षिक श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन की सैन्य गतिविधियां जापान के लिए "सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती" पेश करती हैं। जापानी रक्षा मंत्री जनरल नकातानी ने श्वेत पत्र में चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य ताकत और जापान के नियंत्रण वाले कुछ द्वीप समूहों पर चीन के दावे का भी उल्लेख किया है। विशेष रूप से सेनकाकू द्वीपों के आसपास, जो पूर्वी चीन सागर में स्थित एक द्वीप समूह है उन पर जापान का नियंत्रण है, लेकिन चीन इसे दियायु द्वीप कहकर अपना दावा करता है।
चीन ने 3 सितंबर को बीजिंग में आयोजित एक सैन्य परेड के दौरान अपनी नयी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, जिसमें शक्तिशाली जहाज-रोधी मिसाइलें शामिल थीं।
डिस्ट्रॉयर को अमेरिका भेजने की घोषणा करते हुए, जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जापानी सेना "लंबी दूरी पर और तेजी से आक्रमणकारी ताकतों को रोकने और नष्ट करने के लिए अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रही है।"गौरतलब है कि जापान टॉमहॉक मिसाइलों को हासिल करने के पीछे आत्मरक्षा का तर्क देता है, लेकिन इन मिसाइलों को आक्रामक हथियार माना जाता है। टॉमहॉक अमेरिकी हथियार भंडार में सबसे सिद्ध हथियारों में से एक हैं। जब जापान ने 2023 में टॉमहॉक खरीदने के संकेत दिये थे तो उस समय चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि अमेरिका और जापान के कदम हथियारों की होड़ को बढ़ा रहे हैं और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं।
टॉमहॉक निर्माता कंपनी रेथियॉन के अनुसार, "1000 मील दूर से लक्ष्य पर प्रहार कर सकने वाली इन क्रूज मिसाइलों का उपयोग युद्ध में 2,000 से अधिक बार किया जा चुका है। जून में अमेरिका के ईरानी परमाणु सुविधाओं पर पनडुब्बी से किये गये हमले में टॉमहॉक मिसाइलें भी शामिल थीं।
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