बैतूल , अक्टूबर 16 -- मध्यप्रदेश के बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा है कि जिले में ज्वार खरीदी के लिए हुए पंजीयन और वास्तविक बोवनी के बीच भारी अंतर को देखते हुए गिरदावरी की जांच कराई जा रही है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में यह पाया गया कि किसानों ने खेत में दूसरी फसल लगाकर गिरदावरी में ज्वार दर्ज कराई है, तो संबंधित पटवारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर ने बताया कि सभी एसडीएम को पत्र जारी कर जांच के निर्देश दिए गए हैं, और रिपोर्ट आने के बाद कठोर कदम उठाए जाएंगे।

जिले में इस साल 24 नवंबर से ज्वार की खरीदी समर्थन मूल्य पर शुरू होने जा रही है। इस बार बैतूल जिले में 1169 किसानों ने ज्वार बेचने के लिए पंजीयन कराया है, जबकि पिछले साल केवल 210 किसानों ने पंजीयन कराया था। इस तरह पंजीयन संख्या में करीब छह गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हालांकि कृषि विभाग की गिरदावरी रिपोर्ट के मुताबिक जिले में ज्वार की बोवनी 5234 हेक्टेयर में ही हुई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में किसान महाराष्ट्र से ज्वार लाकर बेचने की तैयारी में हैं। वहीं कई किसानों ने खेत में सोयाबीन या तुअर की फसल बोई, लेकिन गिरदावरी में ज्वार दर्ज करा दी है ताकि समर्थन मूल्य (3699 रुपए प्रति क्विंटल) पर बिक्री की जा सके।

आठनेर ब्लॉक के कोसमी गांव के किसान अर्जुन ने बताया कि उसने खेत में तुअर बोई, लेकिन गिरदावरी में ज्वार दर्ज कराई है, क्योंकि महाराष्ट्र में इस बार ज्वार का उत्पादन अच्छा हुआ है और वह वहां से ज्वार लाकर बेचने की योजना बना रहा है। इसी तरह सैलानी गांव के एक किसान ने कहा कि उसने सोयाबीन बोई थी, लेकिन गिरदावरी में ज्वार चढ़ाई गई है।

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