नयी दिल्ली , नवंबर 20 -- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि जब दुनिया भर में तकनीक के अधिक इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन हो रहा है तब इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता की आवश्यक महसूस होती है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुरूवार को बताया कि श्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में 11वीं जॉइंट क्रेडिटिंग मैकेनिज्म (जेसीएम) के साझेदार देशों की बैठक में हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्री यादव ने ऐसे समय में सामूहिक सहयोग की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया जब दुनिया प्रौद्योगिकी चालित जलवायु परिवर्तन का समाधान ढूंढ रही है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच "विश्वास, प्रौद्योगिकी सहयोग और समावेशी विकास के लिए लंबे समय से साझेदारी है।
श्री यादव ने ज़ोर देकर कहा कि जेसीएम पेरिस समझौते के अनुच्छेद छह के अनुसार है और "सरकारों और निजी क्षेत्रों दोनों को मिलकर जलवायु परिवर्तन का असर कम करने की परियोजनाएं विकसित करने, वित्त जुटाने, उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और इससे होने वाले उत्सर्जन में कमी को पारदर्शी तरीके से बांटने के लिए स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जेसीएम सीधे तौर पर भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान और दीर्घावधि निम्न उत्सर्जन की रणनीति में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद छह को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित एजेंसी द्वारा मंज़ूर की गई निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकी हमारे दीर्घावधि लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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