हैदराबाद/जयपुर, सितम्बर 26 -- राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि जयपुर आईटी और आईटीईएस का 'राइजिंग हब' बन चुका है।
श्री शर्मा ने शुक्रवार को हैदराबाद में हाइटेक सिटी का दौरा कर टी-हब की नवाचार-उन्मुख क्षमताओं का अवलोकन किया और इस अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश-विदेश की प्रमुख कंपनियां आईटी पार्क जयपुर, उदयपुर और महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि रिप्स-2024 के तहत आईटी और आईटीईएस प्रोजेक्ट्स को एसेट-क्रिएशन इंसेंटिव के तीन विकल्प दिए जा रहे हैं। इसके तहत सात वर्षों तक 75 प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, 20 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी या 1.4 प्रतिशत टर्नओवर-लिंक्ड इंसेंटिव में से किसी एक का लाभ लेने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि एक बार विकल्प चुनने पर यह लाभ 10 वर्षों तक लागू रहता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 429 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा चुके हैं, जिनमें उद्योगों के लिए सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा रीको की नई डायरेक्ट लैंड अलॉटमेंट नीति के तहत राइजिंग राजस्थान योजना के तहत एमओयू धारकों को विशेष क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंड आरक्षित दरों पर प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष भूमि आवंटन का पांचवां चरण वर्तमान में प्रगतिरत है, जिसमें 79 औद्योगिक क्षेत्रों में सात हजार भूखंड आवंटन के लिए उपलब्ध हैं। रीको द्वारा अब तक एक हजार 232 उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान 33 गीगावाट की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। साथ ही राज्य में लगभग 27 लाख करोड़ रुपये के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स भी विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा नीति निवेशकों को क्लीन एनर्जी, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है।
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