पटना , अक्टूबर 15 -- आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में चुनाव आयोग ने धनबल, मुफ्त उपहार, नशे, मादक पदार्थों और शराब के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिये सभी संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किये हैं।
इसके साथ ही खर्च की निगरानी के लिये व्यय पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति कर दी गई है, जो नामांकन की अधिसूचना के दिन से ही अपने- अपने विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं।
चुनाव आयोग ने राज्य पुलिस विभाग, उत्पाद विभाग, आयकर विभाग, वित्तीय खुफिया इकाई, भारतीय रिज़र्व बैंक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, राजस्व खुफिया निदेशालय, सीजीएसटी, एसजीएसटी, सीमा शुल्क, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रेलवे सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, हवाई अड्डा प्राधिकरण, डाक विभाग, वन विभाग और सहकारिता विभाग सहित अन्य एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है।
चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिये फ्लाइंग स्क्वाड, निगरानी टीमें, वीडियो निगरानी टीमें 24x7 सतर्क रहेंगी। इनका उद्देश्य किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों जैसे नकदी वितरण, मुफ्त वस्तुओं का वितरण या नशीले पदार्थों के इस्तेमाल को समय रहते पकड़ना है।
चुनाव आयोग ने इलेक्शन सिज़र मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) को भी सक्रिय किया है, जिसके माध्यम से फ्लाइंग स्क्वाड और प्रवर्तन एजेंसियां जब्ती की घटनाओं की रिपोर्टिंग वास्तविक समय में कर सकेंगी।
बिहार में 6 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक विभिन्न एजेंसियों की ओर से कुल 33.97 करोड़ मूल्य की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं की जब्ती की जा चुकी है, जो चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के इरादे से वितरित की जा रही थीं।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रवर्तन कार्रवाई के दौरान आम नागरिकों को अनावश्यक परेशान न किया जाये। साथ ही अगर किसी को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी मिलती है, तो वे सी- विजिल ऐप के माध्यम से सीधे शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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