सैंटियागो , सितंबर 16 -- दक्षिण अमेरिकी देश चिली में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए रविवार को मतदान हो रहा है और इस मतदान में अगर किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त नहीं होता है, तो शीर्ष दो उम्मीदवार 14 दिसंबर को फिर से आमने सामने होंगे।

यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसमें वर्तमान राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चिली के संविधान के अनुसार एक राष्ट्रपति अपने एक कार्यकाल के बाद लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता।

राष्ट्रपति के इस चुनाव में तीन उम्मीदवार एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं और अपनी प्रस्तावित नीतिओं और विचारों से मतदताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य और पूर्व श्रम मंत्री जेनेट जारा इस प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे नजर आ रही हैं। वह घरेलू उत्पादन को मजबूत करने, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए अभियान चला रही हैं। वामपंथी सरकार से जुड़े होने के बावजूद, उन्होंने अपने पिछले कुछ रुखों में नरमी लाकर व्यापक मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है।

उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी जोस एंटोनियो कास्ट हैं, जो अति-रूढ़िवादी रुख रखते हैं और रिपब्लिकन पार्टी के संस्थापक हैं। श्री कास्ट ने आव्रजन और अपराध पर कठोर नीतियाँ अपनाकर 'चिली को फिर से महान बनाने' का वादा किया है। इसमें सीमाएँ बंद करना और लाखों अनियमित प्रवासियों को निर्वासित करना भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि उनके कट्टरपंथी रुख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रुख से काफी मिलते-जुलते हैं।

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