लखनऊ , नवम्बर 04 -- उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों और चावल उद्योग से जुड़े राइस मिल संचालकों को बड़ी राहत देते हुए नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई पर एक प्रतिशत रिकवरी छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से लगभग 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलों को सीधा लाभ मिलेगा।

सरकार का यह कदम किसानों को प्रोत्साहन देने, मिलों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और रोजगार सृजन को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। सरकार ने इस राहत पैकेज के तहत 167 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है। इससे धान खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी और प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह निर्णय किसानों की आमदनी बढ़ाने और राज्य के ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राइस मिलों को दी जा रही रिकवरी छूट से सरकारी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ेंगी। अब मिलर्स अधिक उत्साह के साथ सरकारी खरीद में भागीदारी करेंगे, जिससे किसानों को समय पर भुगतान और अधिक सुविधा मिल सकेगी।

सरकार ने पहले से ही हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3 प्रतिशत रिकवरी छूट देने का प्रावधान किया था। अब नॉन-हाइब्रिड धान पर भी यह राहत मिलने से चावल उद्योग को संतुलन और स्थायित्व मिलेगा। यह निर्णय उत्तर प्रदेश को खाद्यान्न उत्पादन और प्रसंस्करण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

राज्य सरकार का अनुमान है कि इस पहल से प्रदेश में लगभग दो लाख रोजगार के अवसर सुदृढ़ होंगे। राइस मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और राज्य में धान कुटाई का स्थानीय नेटवर्क मजबूत होगा। सरकार का यह कदम न केवल किसानों और मिलर्स को राहत देगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा।

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