नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए मजबूत डिजिटल निगरानी के वास्ते समझौते के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था, भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान-बीआईएसएजी-एन के साथ यह समझौता हुआ है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव अशोक के.के. मीणा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मिशन कार्यान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता की मजबूत के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीआईएसएजी-एन के साथ सहयोग से जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के मौजूदा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अत्याधुनिक जीआईएस क्षमताएं आने की उम्मीद है, जिससे रीयल-टाइम विजुअलाइजेशन, विश्लेषण और जानकारी आधारित निर्णय समर्थन संभव होगा।

माना जा रहा है कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप हुई इस पहल से जल और स्वच्छता संबंधी ढांचागत विकास का अन्य क्षेत्रीय परिसंपत्तियों के साथ निर्बाध एकीकरण हो सकेगा। यह संयोजन संसाधन के आवंटन को अनुकूलित करने, सेवा वितरण में सुधार लाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने में मदद करेगा।

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