नयी दिल्ली , अक्टूबर 03 -- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सिंगापुर की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों को मज़बूत करने के लिए सरकार और उद्योग व्यापार जगत के नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें की।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इन बैठकों में भारत की मज़बूत आर्थिक वृद्धि दर, निवेश-आधारित सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता और विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, वित्तीय सेवाओं और हरित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में वैश्विक भागीदारों के लिए उपलब्ध व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला गया।

श्री गोयल ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ मुलाकात में व्यापार और निवेश संबंधों को मज़बूत करने, नवाचार और डिजिटल सम्पर्क में सहयोग बढ़ाने और सतत विकास में नये अवसरों की खोज पर चर्चा की।

उन्होंने विदेश मंत्री डॉ विवियन बालाकृष्णन से भी मुलाकात की, जहां दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक प्राथमिकताओं के विषय में दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक विश्वास और परस्पर समन्वय की सहमति की पुष्टि की। श्री गोयल की उप-प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग के साथ बैठक में औद्योगिक और व्यापारिक सहयोग गहरा करने पर चर्चा हुई।

उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर व्यावसायिक गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया और भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, निवेश-समर्थक नीतियों और वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से रणनीतिक पहलों को रेखांकित किया। इस सम्मेलन में एमचैम, यूरोचैम, जर्मन चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स के प्रमुख निर्णयकर्ताओं और अन्य व्यावसायिक नेताओं ने भाग लिया।

श्री गोयल ने सिंगापुर की प्रमुख कंपनियों और संस्थागत निवेशकों के साथ अलग अलग रणनीतिक व्यावसायिक बैठकें भी कीं। इनमें सिंगापुर एयरलाइन्स की अनुषंगी एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी (एसआईएईसी) , कैपिटलैंड इन्वेस्टमेंट, रॉयल गोल्डन ईगल (आरजीई) , जीआईसी और टेमासेक के साथ भारत में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की गयी।

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