मुंबई , अक्टूबर 11 -- गुरुदेव नीलेश चंद्र ने कबूतरखाने फिर से खोलने और कबूतरों की रक्षा करने के उद्देश्य से शनिवार को यहां शांतिदूत जन कल्याण पार्टी का गठन किया।

श्री नीलेश चंद्र ने पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए कबूतरों को "शांतिदूत" बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग "शांतिदूतों" की रक्षा करते हैं और जन कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें आगामी नगर निगम चुनावों में उम्मीदवार बनाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कबूतरों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में चिंताएँ बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही हैं और उनका तर्क है कि कबूतरों की लत या कीटों के संक्रमण की तुलना में कबूतरों के कारण बहुत कम लोग मरते हैं।

उन्होंने "कबूतरों को बचाने" के लिए आयोजित धार्मिक सभा की कई स्वयंभू संतों के आलोचना करने को गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा , "हमें किसी के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। हज़ारों शांतिदूत स्वयंसेवक और चार हज़ार नागा साधु हमारे पीछे खड़े हैं।"उन्होंने अदालती आदेशों के चयनात्मक क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाया और कहा, "अगर कबूतरखाने खोलना अदालत की अवमानना है, तो अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए मस्जिदों पर लाउडस्पीकर क्यों नहीं बंद किए जा रहे हैं।"श्री नीलेश चंद्र ने चेतावनी दी कि अगर उनकी माँगें पूरी नहीं हुईं तो वे शांतिपूर्ण कबूतरों को बचाने के लिए दिवाली के बाद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि वे कानून अपने हाथ में नहीं लेंगे और न ही हिंसा का सहारा लेंगे, बल्कि वैध और शांतिपूर्ण तरीकों से अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

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