गांधीनगर, सितंबर 27 -- गुजरात के अहमदाबाद की 23 वर्षीय विधि परमार ने राज्य सरकार की योजना से पायलट बनने का सपना पूरा किया है।

सरकारी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि हर क्षेत्र में महिलाओं ने आज अपनी प्रतिभा के बल पर नई उड़ान भरी है। गुजरात सरकार सपनों की उड़ान भरने के इच्छुक युवाओं, विशेषकर महिलाओं के साथ हमेशा खड़ी रही है और विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें प्रोत्साहन देती रही है। अनुसूचित जाति के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है 'अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए कॉमर्शियल पायलट प्रशिक्षण लोन योजना'। इस योजना की सहायता से अहमदाबाद जिले की विधि परमार ने पायलट बनने का अपना सपना पूरा किया है।

बचपन से ही खुले आकाश में उड़ने के सपने देखने वाली विधि हर्षदभाई परमार आज एक कॉमर्शियल पायलट बन गई है। इस उपलब्धि के पीछे विधि की मेहनत, धैर्य तथा परिवार का सपोर्ट तो ही है, लेकिन साथ ही राज्य सरकार की अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस/ट्रेनिंग पायलट की ट्रेनिंग लोन योजना का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

अहमदाबाद के वेजलपुर में रहने वाली विधि परमार कहती है, "मेरा बचपन से पायलट बनने का सपना था। उस समय मुझे गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित कॉमर्शियल पायलट प्रशिक्षण योजना के विषय में जानकारी मिली। इस योजना के तहत आवेदन करने के बाद वर्ष 2023-24 में मुझे अमेरिका के मियामी राज्य के फ्लाइड स्कूल में कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) के प्रशिक्षण के लिए 25 लाख रुपए का लोन मिला था। इस लोन की मदद से मेरा कॉमर्शियल पायलट बनने का सपना पूरा हो सका है। सुश्री विधी ने कहा कि हाल में मैं ग्राउंड इंस्ट्रक्टर के रूप में सेवा दे रही हूँ और प्रतिमाह 40,000 रुपए की आय अर्जित कर रही हूँ। मैंने इस योजना की सहायता से मेरा सपना तो पूरा किया है, लेकिन साथ ही मैं अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सहायक भी बनी हूँ। इसके लिए मैं गुजरात सरकार का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त करती हूँ।"अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए कॉमर्शियल पायलट प्रशिक्षण योजना अंतर्गत 25 लाख रुपए तक का लोन वार्षिक चार प्रतिशत की दर से दिया जाता है। योजना का लाभ लेके लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थी का कक्षा 10/12 या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण किया होना आवश्यक है। कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण देने वाले देश-विदेश के संस्थान द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रवेश के लिए निर्धारित की गई शर्तों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए जरूरी सभी प्रमाणपत्र होने चाहिए। प्रशिक्षु को अपने प्रशिक्षण के लिए होने वाले खर्च का अनुमान सम्बद्ध संस्थान से प्राप्त कर प्रस्तुत करना होता है। भारत में प्रशिक्षण की राशि में ट्यूशन फीस तथा अन्य आनुषांगिक खर्च का समावेश किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि जब भारत विकसित देश बनने की ओर आगे बढ़ रहा है, तब उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसे सतत प्रयास किए हैं, जिससे सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, खेल, कृषि आदि क्षेत्रों में महिलाएँ आगे आएँ। उन्होंने विकसित भारतएट2047 विजन में महिला सशक्तिकरण को मजबूत आधार बताया है। उनके मार्गदर्शन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राज्य में महिलाओं के विकास के लिए पूर्णतः कटिबद्ध हैं।

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