गांधीनगर , अक्टूबर 03 -- गुजरात के गांधीनगर में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन पर शुरू हुए दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. जयंती रवि ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में भूमि राजस्व से जुड़ी सेवाओं को और अधिक आसान बनाने के उद्देश्य से 2389 पटवारियों की भर्ती की घोषणा की गयी है।
डॉ. जयंती रवि ने राष्ट्रीय सम्मेलन में स्वागत भाषण में कहा कि राज्य के नागरिकों के कल्याण में वृद्धि करने के लिए भूमि सर्वेक्षण, भूमि पंजीयन, भूमि प्रबंधन और भूमि अभिलेख जैसी भूमि से संबंधित सभी जानकारियां एकीकृत भूमि प्रशासन (आईएलए) एप्लीकेशन पर उपलब्ध होंगी। इस दो दिवसीय सम्मेलन में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े आठ विभिन्न विषयों पर सेमिनार, पैनल चर्चा और एक्शन सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में पटवारी से लेकर अपर मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब इतने वर्षों में राज्य में भूमि को लेकर अनेक नए सुधार लागू किये गये हैं। आम नागरिकों को सही विवरण-जानकारी और सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों, इसके लिए भूमि से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण बदलावों के लिए आई- ओआरए और ई-धरा जैसी अनेक नई पहल लागू की गई हैं। राज्य में भूमि राजस्व से जुड़ी सेवाओं को और अधिक आसान बनाने के उद्देश्य से 2389 पटवारियों की भर्ती की घोषणा की गयी है, जिसे तेजी से पूरा करने का कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने कहा कि आज केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न भूमियों का सर्वेक्षण परंपरागत पद्धति के स्थान पर ड्रोन और रोबोट जैसे अत्याधुनिक उपकरणों एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जा रहा है, जिनका गुजरात के पांच शहरों में प्रभावी क्रियान्वयन शुरू भी हो चुका है, जबकि बाकी के शहरों में अगले दो-तीन वर्षों में शुरू किया जायेगा।
श्री जोशी ने कहा कि गुजरात में भूमि अभिलेख की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। यह पूरे देश में विस्तृत पुनः सर्वेक्षण करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने राज्य के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को और भी बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया।
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