गांधीनगर , नवंबर 13 -- गुजरात के कृषि मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने गुरूवार को कहा कि कृषि राहत पैकेज के लिए राज्य के 33 जिलों की 251 तहसीलों के 16500 से अधिक गाँवों का नुकसान सर्वेक्षण तत्परता से शुरू किया गया है गाँवों की ऑनलाइन आवेदन के पोर्टल के साथ मैपिंग की जाएगी।
श्री वाघाणी ने राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा घोषित किए गए राहत पैकेज के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कहा कि इस पैकेज का लाभ लेने के लिए 14 नवंबर शुक्रवार दोपहर 12 बजे से 15 दिनों तक ऑनलाइन पोर्टल कार्यरत किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में हाल ही में असाधारण बेमौसम बारिश के कारण किसानों को खड़ी फसलों के हुए व्यापक नुकसान को लेकर संपूर्ण संवेदना से किसानों के साथ खड़े रहकर ऐतिहासिक राहत- सहायता पैकेज घोषित किया है। इस ऐतिहासिक एवं उदारतम राहत-सहायता पैकेज अंतर्गत धरतीपुत्रों को हुए नुकसान के एवज में 9815 करोड़ रुपए सहायता के रूप में आवंटित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा आपदा की घड़ी में धरतीपुत्रों के साथ रहकर दिए गए इस उदारतम पैकेज के लिए कृषि मंत्री ने उनका आभार व्यक्त किया है। इतना ही नहीं; वर्षा से हुए नुकसान का सर्वेक्षण-पंच रोजकाम, मंत्रियों की प्रभावित जिलों के किसानों के साथ प्रत्यक्ष मुलाकात तथा कृषि, राजस्व, वित्त सहित सम्बद्ध विभागों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित कर पैकेज की घोषणा तथा प्रस्ताव होने तक की समग्र प्रशासनिक प्रक्रिया मुख्यमंत्री श्री पटेल के दिशादर्शन में सप्ताह में ही पूरी कर देने के किसान हितकारी दृष्टिकोण का कृषि मंत्री ने स्वागत किया है।
श्री वाघाणी ने बनासकाँठा के वाव-थराद सहित पाँच जिलों में बेमौसम बारिश से प्रभावितों को भी सिंचित-असिंचित समान मानदंड पर 22 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर (दो हेक्टेयर की सीमा में) सहायता घोषित कर राज्य के किसानों पर आन पड़ी विपदा में समग्रतया 11 हजार 137 करोड़ रुपए का सहायता पैकेज देने के मुख्यमंत्री के निर्णय के लिए भी किसान समाज की ओर से आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि इस कृषि राहत पैकेज का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि राहत पैकेज-केआरपी पोर्टल पर ग्राम पंचायत के वीसीई/वीएलई के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उन्होंने जोड़ा कि प्रस्ताव के अनुसार सम्बद्ध कागजात के साथ नियमानुसार पात्रता रखने वाले किसानों को वीसीई/वीएलई के माध्यम से आवेदन करना होगा। किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा। इस पैकेज अंतर्गत सहायता पीएफएमएस/आरटीजीएस के माध्यम से डीबीटी पद्धति से लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा की जाएगी। इसके लिए 16500 से अधिक गाँवों की ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल के साथ मैपिंग की जाएगी।
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