, Oct. 9 -- ....श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि देश के विकास के रोल मॉडल गुजरात की क्षेत्रीय विशेषताओं और औद्योगिक उत्पादन क्षमताओं को भी दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए उनकी प्रेरणा से अब हमने वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की यह पहल की है।

इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा, आत्मनिर्भर भारत का मंत्र साकार होगा तथा क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट आने से प्रधानमंत्री ने 'मेड इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का जो विचार दिया है, उसे गुजरात के विभिन्न क्षेत्र अपने विशिष्ट उत्पादों और औद्योगिक उत्पादों से साकार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 की वाइब्रेंट गुजरात समिट में हुए एमओयू में से लगभग उत्तर गुजरात क्षेत्र के लिए हुए 7100 एमओयू का उल्लेख करते हुए कहा कि इन एमओयू का 72 फीसदी यानी 5 हजार से अधिक प्रोजेक्ट कमीशन्ड हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग और खेती, दोनों के लिए पानी महत्वपूर्ण है, इस बात को गुजरात की धरती के सपूत श्री नरेन्द्र मोदी बेहतर समझते थे और इसलिए ही उन्होंने सुजलाम सुफलाम योजना, नर्मदा योजना और लिफ्ट इरिगेशन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उत्तर गुजरात में पानी पहुंचाया। इतना ही नहीं, ज्योतिग्राम योजना के जरिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित की है। बिजली और पानी की उपलब्धता से इस क्षेत्र के किसानों को एक से अधिक सीजनल फसल लेने का अवसर मिला है, साथ ही कृषि में मूल्य संवर्धन के उनके विजन से उत्तर गुजरात में एग्रो इंडस्ट्री का विकास हुआ है।

श्री भूपेंद्र पटेल ने जोड़ा कि उत्तर गुजरात की विशेषकर रण (मरु) क्षेत्र की भूमि जहाँ सीधा सूर्य प्रकाश पड़ता है, उस सूर्य शक्ति के पोटेंशियल को समझ कर श्री नरेन्द्र मोदी ने एशिया का उस समय का सबसे बड़ा सोलर पार्क चारणका में विकसित किया था। बेचराजी, मांडल तथा विठलापुर के उद्योगों से वंचित रहे क्षेत्रों को विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) बनाकर पूरे क्षेत्र को ऑटोमोबाइल उद्योगों से व्यस्ततम् बनाकर प्रधानमंत्री ने गुजरात को देश के ऑटो हब के रूप में प्रस्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट समिट के कारण राज्य में बड़े उद्योग आए, उनके अनुरूप आनुषांगिक छोटे एमएसएमई का भी विकास हुआ है और 27 लाख से अधिक एमएसएमई गुजरात में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात समिट की दो दशक की सफलता को क्षेत्रीय स्तर पर ले जाने की मंशा के साथ स्थानीय उद्योगों को ग्लोबल प्लेटफॉर्म देने का निश्चय किया है। उत्तर गुजरात की इस कॉन्फ्रेंस में रिन्यूएबल एनर्जी, डेयरी एंड फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों को समाविष्ट कर लिया गया है। आगामी समय में आयोजित होने वाली सौराष्ट्र क्षेत्र की वीजीआरसी में इंजीनियरिंग, सिरामिक उद्योगों, ब्रास पार्ट्स, फिशरीज एंड मरीन प्रोडक्ट्स पर फोकस किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दक्षिण गुजरात की वीजीआरसी में जेम्स एंड ज्वैलरी, टेक्सटाइल तथा डायमंड इंडस्ट्री एवं मध्य गुजरात की वीजीआरसी में सेमीकंडक्टर तथा इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन मोबिलिटी, केमिकल्स, ईवी जैसे क्षेत्रों को वीजीआरसी के माध्यम से वैश्विक स्तर पर एक्सपोजर देकर सस्टेनेबल डेवलपमेंट तथा विकसित भारतएट2047 के लिए आत्मनिर्भर भारत का चालक बल बनाना है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बदलते वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल तथा स्वदेशी के दिए गए मंत्र के अनुरूप सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस एंड डिफेंस, मेडिकल डिवाइसेज, ग्रीन एनर्जी तथा इलेट्रिक मोबिलिटी आदि जैसे उभरते आत्मनिर्भरता के क्षेत्रों के साथ वर्ल्ड लीडर बनने की दिशा में सफल होने के लिए रीजनल एस्पिरेशन तथा ग्लोबल एम्बीशन की थीम से युक्त ये वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंसेज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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