गांधीनगर , अक्टूबर 04 -- गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' राष्ट्रव्यापी अभियान के शुभारंभ अवसर पर शनिवार को कहा कि यहां से इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ राज्य के लिए गौरव की बात है।

श्री देसाई ने इस अवसर पर सक्रिय भागीदारी और पहुंच के माध्यम से इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि लाभार्थियों की शिक्षा, सशक्तिकरण और अन्य वित्तीय ज़रूरतों के लिए दावा न की गयी जमा राशि बहुत उपयोगी है।

केंद्रीय गृह मंत्री और गांधीनगर से लोकसभा सांसद अमित शाह ने कार्यक्रम के लिए अपना एक संदेश भेजा था। उन्होंने संदेश में नागरिकों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। संदेश में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि यह पहल केवल दावा न की गयी वित्तीय संपत्तियों की वापसी तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता के विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण को मज़बूत करने की दिशा में एक सामूहिक प्रयास का प्रतीक है।

इस अवसर पर वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने कहा कि अगस्त 2025 तक 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की दावा रहित जमाराशियां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरुकता कोष में स्थानांतरित कर दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि दावा न की गयी बीमा राशि 13,800 करोड़ रुपये से अधिक है, म्यूचुअल फंड में दावा न की गयी शेष राशि लगभग 3,000 करोड़ रुपये है, और 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैतनिक लाभांश है।

वित्तीय सेवा सचिव ने कहा कि दावों का निपटारा शीघ्रता से, निष्पक्षता से और नागरिकों के लिए अनावश्यक बाधाओं के बिना किया जाना चाहिए, ताकि वे स्पष्टता और विश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण के विभाग के दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करना है।

अब तक लगभग 172 करोड़ शेयर निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष में हस्तांतरित किए जा चुके हैं। यह लॉन्च वित्तीय समावेशन में भारत की व्यापक उपलब्धियों पर आधारित है। जन धन योजना और यूपीआई से लेकर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तक यह सुनिश्चित करके कि नागरिकों को न केवल वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो, बल्कि उन्हें वह भी वापस मिले जो उनका वास्तविक अधिकार है।

गुजरात से 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान की शुरुआत के साथ, सरकार ने वित्तीय समावेशन को हर घर के लिए सार्थक, पारदर्शी और सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, अभियान अक्टूबर-दिसंबर 2025 के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। डिजिटल प्रदर्शन और हेल्पडेस्क नागरिकों को उनकी लावारिस वित्तीय संपत्तियों का आसानी से पता लगाने और उन पर दावा करने में सहायता करेंगे, जो नागरिक-केंद्रित शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और जीवन को आसान बनाने के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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