गांधीनगर , नवंबर 07 -- गुजरात के आदिजाति क्षेत्रों में कृषि व किसानों को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ राज्य सरकार ने लिफ्ट पाइपलाइन तकनीक का उपयोग कर बड़े स्तर पर आदिवासी क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा पहुँचाने में सफलता हासिल कर फसल उत्पादन में वृद्धि की है।
राज्य के जल संसाधन एवं जल वितरण मंत्री ईश्वरसिंह पटेल ने बताया ने शुक्रवार को बताया कि लिफ्ट पाइपलाइन तकनीक का उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां पानी का स्तर खेतों के स्तर से नीचे होता है। यह तकनीक पहाड़ी क्षेत्रों, शुष्क क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी होती है जहां पानी की कमी होती है। यह एक आधुनिक सिंचाई प्रणाली है, जिसमें पाइपों के माध्यम से पानी को पंप करके ऊपर उठाकर उँचे भूमि स्तर के खेतों तक पहुंचाया जाता है। इस तकनीक से सिंचाई में पानी का न्यूनतम नुकसान होता है, क्योंकि पानी सीधे खेतों तक पहुंचता है। साथ ही, पारंपरिक सिंचाई विधियों की तुलना में लिफ्ट पाइपलाइन तकनीक में कम श्रम लगता है और नियमित और पर्याप्त पानी की आपूर्ति से फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले सात सालों में बड़ी राशि 5115 करोड़ रुपये खर्च कर आदिवासी क्षेत्र की 1,39,510 एकड़ से अधिक खेतों को सिंचाई से कवर किया है। लिफ्ट पाइपलाइन तकनीक के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मात्र तीन सालों (2023, 2024, और 2025) में 2212 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया है। वहीं, इसके पहले के चार सालों (2019, 2020, 2021और 2022) में राज्य सरकार ने 2903 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आदिवासी क्षेत्रों तक सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाने का काम किया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित