सूरत/जयपुर , अक्टूबर 08 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां राज्य के लोगों, विशेष रूप से युवाओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत बताते हुए कहा हैं कि गुजरात और राजस्थान मिलकर सशक्त औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण कर रहे हैं।

श्री शर्मा बुधवार को गुजरात के सूरत में आयोजित प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी अपनी कर्मभूमि (सूरत) के साथ ही अपनी मातृभूमि (राजस्थान) के विकास में भी योगदान दें। उन्होंने कहा कि गुजरात और राजस्थान का संबंध केवल भौगोलिक निकटता तक सीमित नहीं है बल्कि दोनों राज्यों के बीच रत्न एवं आभूषण, फार्मा, वस्त्र उद्योग और राज्य में प्रस्तावित पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग के साथ सांस्कृतिक, सामाजिक सहयोग की भी अपार संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत और राजस्थान उद्यमिता, सृजनशीलता और धैर्य की साझा भावना से जुड़े हैं। सूरत हीरे की कटाई और सिंथेटिक टेक्सटाइल्स के लिए विश्व प्रसिद्ध है वहीं राजस्थान रंगीन पत्थरों, कुंदन, मीनाकारी, वस्त्र और रत्नों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर राजस्थान को विश्व का 'जेम्स एंड ज्वेलरी हब' बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

श्री शर्मा ने आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस में प्रवासी राजस्थानियों को बड़ी संख्या में भाग लेने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि देश के बड़े उद्योगपतियों में प्रवासी राजस्थानी शामिल हैं, जो हमारे गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिसके अंतर्गत विज्ञान, व्यवसाय, कला, खेल, साहित्य, सिनेमा, संगीत और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में दिसम्बर में पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी की शुरुआत करने जा रही है। इसके साथ ही हमारी सरकार निवेशकों को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और डेटा सेंटर्स स्थापित करने में हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने उद्यमियों और निवेशकों को आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन और खनन जैसे क्षेत्रों में निवेश करने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार किया है। वर्तमान में राजस्थान फाउंडेशन के 26 चैप्टर्स देश और विदेश में सक्रिय हैं। ये चैप्टर्स प्रवासी राजस्थानी समुदाय के साथ सार्थक संवाद, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक समर्पित विभाग भी स्थापित करने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य राजस्थान के वैश्विक प्रवासी समुदाय को राज्य के विकास में सहभागी बनाना और 'विकसित राजस्थान 2047' के निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान देश के सबसे अधिक निवेश-अनुकूल और प्रगतिशील राज्यों में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि 'राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट' के दौरान हुए 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स धरातल पर उतर चुके हैं।

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