नयी दिल्ली, 11अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीते एक दशक में खाद्यान्न पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है।

श्री चौहान ने कहा कि गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन की उपज में बीते साल रिकॉर्ड पैदावार हुई है।वह यहां शनिवार को पूसा परिसर में आयोजित एक समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। यह समारोह 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' के शुभारंभ और 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं के भी प्रारंभ होने पर आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा, " माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है, गेहूं और चावल के भंडार 40 प्रतिशत से अधिक क्षमता तक भरे हुए हैं। "श्री सिंह ने कहा कि खाद्यान्न आत्मनिर्भरता के लिए दालों की पैदावार बढ़ानी होगी। इस मकसद को ध्यान में रखकर श्री मोदी के कर कमलों से दलहन मिशन लाँच किया जा रहा है। इसके साथ ही ये देखा गया है कि कई जिले में पैदावार बहुत अच्छी है, लेकिन उसी राज्य के दूसरे जिलों में पैदावार कम है। ऐसे जिलों में पैदावार बढ़ाने के लिए एक दूसरी योजना पीएम धन-धान्य कृषि योजना भी शुरू की जा रही है। इसमें 11 विभागों की 36 योजनाओं का समावेश किया जा रहा है।

उन्होंने किसानों की सामूहिक संस्थाओं किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की सफलताओं के बारे में कहा कि यह श्री मोदी का ही सोच है कि छोटे-छोटे किसान मिलकर प्रतिस्पर्धा का सामना करें। आज देश में एफपीओ के 52 लाख किसान शेयर होल्डर हैं। करीब 1100 एफपीओ करोड़पति बन चुके हैं और उनका टर्न ओवर 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो गया है।

श्री चौहान ने हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर की दरों में हुए बदलाव के कारण सस्ती हुई खेती की मशीनों का श्रेय श्री मोदी को देते हुए कहा कि इससे किसानों को बहुत राहत मिली है। इस कदम से छोटे ट्रैक्टर पर किसानों के 23,000 रुपये, 35 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर पर लगभग 43,000 रुपये और बड़े ट्रैक्टर पर भी लगभग 65,000 रुपये तक बचेंगे।

उन्होंने फसल वर्ष 2025-2026 की रबी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन बढ़ने पर प्रसन्नता जाहिर की और बताया कि किसानों की मदद के लिए यूरिया और डीएपी के दामों पर लगाम लगा कर रखा गया है। उन्होंने कहा कि यूरिया और डीएपी के बढ़े हुए दामों का बोझ, सरकार किसानों पर नहीं आने देती और खुद ही बढ़ा हुआ व्यय वहन करती है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत अब तक तीन लाख 90 हजार करोड़ रुपये किसान के खाते में डाले गये हैं। छोटे किसान, लघु किसान, सीमांत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से पिछले साल 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिली है। संस्थागत ऋण बढ़ के लगभग 28 लाख करोड़ रुपये हो गया है। फसलों के नुकसान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक एक लाख 83000 करोड़ रूपये किसानों के खाते में डाला जा चुका है।

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