भरतपुर , अक्टूबर 02 -- राजस्थान में भरतपुर जिले के वैर थाना क्षेत्र में दाे दो वर्षीय बालक की खांसी की दवाई से मौत होने का मामला सामने आया है।

सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लुहासा गांव के निहाल सिंह ने 23 सितंबर को खांसी होने पर अपने दो बेटे थान सिंह (पांच) और तीर्थराज (दो) को वैर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने छोटे बच्चे को खांसी का जो सिरप लिखा, उसमें से एक ढक्कन दवा तीर्थराज को दी गयी। इसके कुछ देर बाद तीर्थराज सो गया। चार घंटे तक बच्चा सोता रहा। जब बच्चा सोकर नहीं उठा तो तीर्थराज के परिजन उसे लेकर वापस अस्पताल पहुंचे, जहां से चिकित्सकों ने तीर्थराज को भरतपुर के जनाना अस्पताल भेज दिया।

सूत्रों ने बताया कि दो दिन तक बच्चे को होश नहीं आने पर उसे 24 सितंबर को जनाना अस्पताल से जयपुर के जेके लोन अस्पताल भेजा गया। वहां भी बच्चे को होश नहीं आया। 27 सितंबर को बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे के अंतिम संस्कार के बाद परिजनों को खांसी के विवादास्पद एवं प्रतिबंधित सीरप के बारे में पता चला तो उन्होंने वैर अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर डी पी शर्मा को इसकी शिकायत की जिस पर मामले की जांच शुरू की गयी है।

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