नयी दिल्ली , नवंबर 20 -- भारत ने सौर ऊर्जा तकनीक को बढ़वा देने के लिए वैश्विक स्तर पर साझा कदम उठाये जाने की अपील करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर वृहद संधि ( यूएनएफसीसीसी ) के सदस्य देशों की 30वीं सामान्य बैठक (कॉप 30) के दौरान आयोजित छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (एसआईडीएस) और आईएसए के सदस्य देशों की एक बैठक को संबोधित करते हुए भातर का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
श्री यादव ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए सौर ऊर्जा तकनीक के महत्व को रखांकित करते हुए इस क्षेत्र में साझा वैश्विक कदम उठाये जाने की अपील की। उन्होंने कहा, "सौर ऊर्जा तकनीकी तरीकों से कहीं अधिक अपना प्रकाश फैला रही है। यह आशा और सशक्तिकरण है। यह स्वतंत्रता है। यह गरिमा है। यह शांति है।"श्री यादव ने कहा कि भारत में 20 लाख से अधिक परिवारों ने रूफटॉप सोलर को अपनाया है और इसे "हर घर के लिए आजादी" और "हर छत पर एक छोटा पावर प्लांट" बताया। कृषि के लिए सौर ऊर्जा के बारे में उन्होंने कहा, "कृषि के लिए सौर ऊर्जा हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई सुबह है। अब वे सूरज की रोशनी में काम करते हैं और चैन की नींद सोते हैं।"उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से सुदूर और वन क्षेत्रों में प्रकाश फैलाने की पहलों और ऊर्जा भंडारण में भारत के प्रमुख प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया, "भारत विश्व की कुछ सबसे बड़ी 'सौर और बैटरी' परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, जिनमें लद्दाख में एक परियोजना भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा संग्रहीत करेगी।" उन्होंने कहा कि एसआईडीएस के लिए, ऐसे मॉडल डीजल आयात को कम करने, ऊर्जा लागत में कटौती करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने की ताकत बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
श्री यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "आईएसए एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में उभरा है। 124 से अधिक देश अब अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा हैं। आईएसए को- प्रशांत महासागर के द्वीपों से लेकर अफ़्रीका के सवाना और दक्षिण अमेरिका के पहाड़ों तक" एक वैश्विक सौर परिवार के रूप में देखा जाना चाहिए। " उन्होंने कहा कि आईएसए सौर परियोजनाओं के डिज़ाइन में तेज़ी ला रहा है, वित्त जुटा रहा है, स्थानीय रोजगार पैदा कर रहा है और स्वच्छ, विश्वसनीय बिजली के लिए सौर ऊर्जा को पहली पसंद बना रहा है।
सम्मेलन में छोटे द्वीपीय देशों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रतिभागियों ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति की सराहना की।
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